दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद एमसीडी ने अवैध निर्माण पर कार्यवाही करते हुए कई अस्थाई और स्थाई निर्माणों को ध्वस्त कर दिया है। एमसीडी की ओर से की गई इस कार्यवाही के खिलाफ देश में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। इसी कड़ी में बुधवार को हैदराबाद से लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी पीड़ितों से मिलने जहांगीरपुरी पहुंचे। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था के चलते उन्हें लोगों से मिलने नहीं दिया गया।

उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाएं । उन्होंने सरकार की ओर से की गई कार्यवाही पर कहा कि “आज जो तुर्कमान गेट 2022 हुआ है वो सरासर अन्याय है। बिना नोटिस दिए इस तरह से संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और तोड़ना गलत है। वो तो सुप्रीम कोर्ट का समय से निर्णय आ गया नहीं तो बहुत लोग बर्बाद हो जातें। सवाल ये उठता है कि पिछले सात साल से इनकी सरकार है तब क्यों नहीं कार्यवाही की। जब अमित शाह 26 अगस्त 2021 जब दिल्ली की 85 हजार अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कर चुके हैं। इनको को भी अधिकृत कर दें। ये कौन सी बात है इन्हें निकाल कर फेंक दें।”

कार्यवाही पर बोले ओवैसी: पुलिस की कार्यवाही को लेकर ओवैसी ने कहा कि “अगर पुलिस ने खुद कहा है कि शोभायात्रा की इजाजत नहीं दी गई थी। फिर यात्रा कैसे निकली। पुलिस यदि समय पर यात्रा में शामिल लोगों से हथियार जब्त कर लेती तो यह घटना होती ही नहीं।”

उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार भी हमला बोलते हुए कहा कि “आप इन लोगों को रोहिंग्या बताने में लगी हुई है। ये गलत है, इससे लोकतंत्र और देश कमजोर होगा।”

बता दें इससे पहले ओवैसी दंगों की लेकर की गई पुलिस कार्यवाही को एकतरफा बता चुके हैं। इसके साथ उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार केवल एक समुदाय के लोगों को निशाना बना रही है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ओवैसी पर हमला बोतले हुए कहा था कि ओवैसी जैसे लोग हर मुद्दे को हिन्दू – मुस्लिम के नजरिए से देखते हैं क्योंकि उनमें उनमें जिन्ना का डीएनए है। वे लोग देश के कानून में नहीं बल्कि शरिया कानून में विश्वास करते हैं।