AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आज लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और बीजेपी के पूर्व सहयोगी ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात की। 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। प्रेस से बातचीत के दौरान ओवैसी ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि वे यूपी चीजों के नाम बदलने नहीं आए हुए हैं। बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद नगर निगम चुनाव के दौरान ओवैसी पर सीधा निशाना साधा था। हैदराबाद की ओल्ड सिटी (जो ओवैसी के गढ़ के रूप में मानी जाती है) में योगी आदित्यनाथ ने मतदाताओं को संबोधित किया था और कहा था कि भाजपा चुनाव जीतने पर शहर का नाम भाग्यनगर कर देगी। शिवपाल यादव से गठबंधन के मुद्दे पर ओवैसी ने कहा कि शिवपाल यूपी की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं। उनसे मुलाकात की जाएगी।
ओवैसी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि AIMIM ने हैदराबाद नगर निगम चुनाव नहीं जीता, लेकिन मजबूत लड़ाई लड़ी। टीआरएस ने 55 में 48 सीटें जीतीं। पिछले चुनावों में, भाजपा ने टीआरएस की 99 में से सिर्फ चार सीटें जीती थीं। एआईएमआईएम ने हर बार 44 सीटें जीतीं। इस सवाल पर कि क्या वह यूपी चुनाव के लिए मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ सहयोगी होंगे, ओवैसी ने कहा कि अभी इसकी संभावना नहीं है।
ओवैसी ने मीडिया से कहा कि बिहार में हमें बड़ी कामयाबी मिली। ओम प्रकाश राजभर की भूमिका वहां थी। हम वहां ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर एलायंस का हिस्सा थे। हमें बिहार में मिली सफलता को आगे बढ़ाने की उम्मीद है। AIMIM नेता ने यह भी कहा कि वह बंगाल चुनाव (अगले साल होने वाले चुनाव) भी लड़ेंगे।
मीडिया से बातचीत में ओवैसी ने कहा कि BJP ममता बनर्जी की पार्टी को तोड़ रही हैं इसलिए वे बौखलाईं हुई हैं। बंगाल में अब उनका सामना असली मुसलमान से होगा। ओवैसी ने ममता बनर्जी के लगाए आरोपों पर कहा कि ममता खुद एक समय में एनडीए का हिस्सा रही हैं। ममता बनर्जी का सामना शायद अभी तक मीर जाफर औैर मीर सादिक से हुआ है।
उन्होंने कहा कि अभी कोई पैदा नहीं हुआ जो ओवैसी को दौलत से खरीद सके। ममता बौखलाहट का शिकार हो चुकी हैं। टीएमसी के लोग बीजेपी में क्यों जा रहे हैं ममता को उसकी फिक्र करनी चाहिए। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के आगे ममता की पार्टी टिक नहीं सकी।