अगले साल होने वाले आम चुनाव की तैयारी को लेकर एक संयुक्त रणनीति पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए विपक्षी दल 12 जून को पटना में बैठक करेंगे। यह खबर सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पिछले हफ्ते दिल्ली में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह निर्णय लिया गया है। नीतीश कुमार सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एक साथ लाने की योजना बना रहे हैं। इस सिलसिले में उन्होने ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मुलाक़ात कर चुके हैं।

नीतीश कुमार : विपक्ष को साथ लाने का संघर्ष

भाजपा से नाता तोड़कर और पिछले अगस्त में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और अन्य दलों के साथ एक नया गठबंधन बनाने के तुरंत बाद ही नीतीश कुमार विपक्षी एकता को जोड़ने के प्रयासों में जुट गए हैं। वह न केवल कांग्रेस को इस मिशन में साथ लाने में कामयाब दिखाई दे रहे हैं बल्कि ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे प्रमुख क्षेत्रीय खिलाड़ियों को भी वह अपने साथ लाने में कामयाब होते दिखाई दे रहे हैं।

21 मई को नीतीश कुमार  ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से केंद्र के उस अध्यादेश के खिलाफ अपना समर्थन देने के लिए मुलाकात की थी जो अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण और सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को अंतिम अधिकार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारता है। इसके बाद वह कांग्रेस नेताओं से भी मुलाक़ात के लिए गए थे।

भाजपा का चुनावी मंथन

28 मई को भाजपा ने भी 2024 के बड़े चुनाव को सामने देखते हुए बैठक की है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे। उनके साथ बीजेपी शासित राज्यों से सीएम भी मंथन में शामिल थे। बड़ी बात ये है कि रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था, जिसमें बीजेपी शासित सभी सीएम आए थे। ऐसे में उस कार्यक्रम के तुरंत बाद बीजेपी दफ्तर में ये अहम मीटिंग की गई।