भारत ने छह महीने पहले दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान शुरू किया था लेकिन अभी तक करीब छह फीसद लोगों का टीकाकरण पूरा हो पाया है। भारत सरकार ने इस साल के अंत तक सभी व्यस्क नागरिकों का टीकाकरण करने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कोरोना रोधी टीके की प्रतिदिन औसतन 80 लाख खुराक दी जानी चाहिए जबकि देश में औसतन 40 लाख खुराक दी जा रही हैं।

देश में अब तक 39.26 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। इनमें 7.87 करोड़ लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी हैं यानी इन लोगों का टीकाकरण पूरा हो चुका है। तीन सप्ताह से टीकाकरण की रफ्तार में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। 19 से 25 जून के सप्ताह में देश में 4.12 करोड़ खुराक लोगों को दी गईं। इस दौरान एक दिन (21 जून) में 91 लाख से अधिक खुराक भी दी गईं। इसके बाद 26 जून से दो जुलाई के सप्ताह में 2.96 करोड़, तीन से नौ जुलाई के बीच 2.71 करोड़ और 10 से 16 जुलाई के सप्ताह में 2.06 करोड़ खुराक दी गई।

यह केंद्र सरकार के उस दावे के उलट है जिसमें कहा गया था कि देश में मध्य जुलाई से एक करोड़ खुराक हर रोज दी जाने लगेंगी। एक जून को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा था कि हम जुलाई के मध्य से देश में एक करोड़ खुराक हर दिन देने लगेंगे ताकि देश की व्यस्क जनसंख्या का साल के अंत तक टीकाकरण पूरा हो जाए।

केंद्र सरकार ने जून में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था कि अगस्त से दिसंबर के बीच देश में 1.35 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी। हलफनामे के मुताबिक सरकार को कोविशील्ड की 50 करोड़ खुराक, कोवैक्सीन की 40 करोड़, बायोलॉजिकल ई के टीके की 30 करोड़, स्पूतनिक वी की 10 करोड़ और जायडस कैडिला के टीके की पांच करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी। भारत की ओर से अमेरिका के मॉडर्ना टीके को आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी कब और कितनी खुराक भारत को उपलब्ध होंगी।

वहीं, फाइजर के टीके को भारत में लगाने के लिए अभी बातचीत जारी है जिसका अभी तक कोई ठोस परिणाम हासिल नहीं हुआ है। साल के अंत तक देश के सभी व्यस्क नागरिकों के टीकाकरण के लिए 180 कराड़ खुराक चाहिए। टीकाकरण की रफ्तार में कमी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता को बढ़ा रही है। उनका कहना है ब्रिटेन में 52 फीसद लोगों का पूर्ण और 68 फीसद का आंशिक टीकाकरण होने के बाद भी वहां फिर से कोरोना विषाणु संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। यही हाल अमेरिका का भी है। ऐसे में अगर हमारे देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आती है तो लोगों का उससे बचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

शुक्रवार को कोरोना के 36 हजार मामले
देश में शुक्रवार रात सवा ग्यारह बजे तक कोरोना विषाणु संक्रमण के 36,206 मामले दर्ज किए गए जबकि 557 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हुई। ये आंकड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों की ओर से जारी किए गए थे।
देश में सबसे अधिक कोरोना के मामले केरल में दर्ज किए गए। केरल के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शुक्रवार को राज्य में 13,750 मामले दर्ज किए गए जबकि 130 लोगों की मौत हुई। महाराष्ट्र में 7,761, आंध्र प्रदेश में 2,345, तमिलनाडु में 2,312, ओड़ीशा में 2,050 मामले दर्ज किए गए।

‘47 जिलों में संक्रमण दर 10 फीसद से अधिक रही’
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि 15 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 जिलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने की दर 10 फीसद से अधिक रही। सरकार ने कहा कि 14 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 73 जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक नए मामले सामने आए।