मुंबई। पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का उल्लंघन किए जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए आज शिवसेना ने कहा कि उन्हें अपना ध्यान पड़ोसी देश की ‘खुराफातों ’ को रोकने पर लगाना चाहिए न कि महाराष्ट्र की राजनीति पर।

भाजपा की पुरानी सहयोगी रही शिवसेना ने दावा किया कि सीमापार से होने वाली गोलीबारी और गोलाबारी के खिलाफ ‘कड़े’ कदम उठाने में सरकार के विफल रहने पर पाकिस्तान को बढ़ावा मिला है।

शिवसेना ने कहा कि राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए मोदी के कहे मुताबिक 56 इंच का सीना जरूरी नहीं है, इसके लिए दरअसल मजबूत इच्छाशक्ति होनी चाहिए।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है कि मोदी को एक ऐसे समय में राज्य में चुनावी रैलियों में व्यस्त रखा जा रहा है जबकि उनकी सबसे ज्यादा जरूरत केंद्र में है। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का अवमूल्यन करने जैसा है।

राज्य विधानसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में भाजपा के लिए मोदी द्वारा किए जा रहे व्यापक प्रचार के संदर्भ में शिवसेना ने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र की राजनीति के बारे में बाद में भी बात कर सकते हैं मोदी जी, लेकिन इस समय सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम हमारे पड़ोसी द्वारा की जा रही खुराफातोंं को सहन न करें।’’

शिवसेना ने कहा, ‘‘क्या राष्ट्र के हितों की सुरक्षा के लिए और पाकिस्तान को उसके कुकर्मों के लिए सबक सिखाने के लिए आपको 56 इंच का सीना चाहिए? उन्हें वापस इतना ही कड़ा जवाब देने के लिए आपको मजबूत इच्छा शक्ति चाहिए।’’

शिवसेना ने कहा, ‘‘पाकिस्तान लगातार भारत की ओर गोलीबारी करने की हिम्मत जुटा रहा है क्योंकि भारत सरकार की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे।’’

शिवसेना ने कहा कि यह बेहद दयनीय है कि सीमावर्ती इलाकों में भारतीय ग्रामीणों को पाकिस्तानी रेंजरों के हमले से अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

पाकिस्तान के हमलों के कारण हमारे लोगों के जीवन को तो खतरा है ही, साथ ही उनके मकान भी नष्ट हो रहे हैं। लगातार की जाने वाली गोलीबारी के कारण सीमा से चार किलोमीटर की दूरी तक के मकान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

शिवसेना के मुखपत्र ने कहा, ‘‘हमारे नागरिक अब मौत से बचने के लिए अपने घरों से दूर भाग रहे हैं, जो रात के अंधेरे में उन्हें दबोच सकती है। यह बेहद दयनीय है कि उन्हें इस तरह से अपने घर छोड़ने पड़ रहे हैं।’’

बीते एक अक्तूबर से पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए की जा रही गोलीबारी में अब तक सात लोग मारे गए हैं और लगभग 70 लोग घायल हो चुके हैं। इसके अलावा 16 हजार से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।