भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय आज टीएमसी में शामिल हो गए। इस मौके पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एक पत्रकार ने बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी को लेकर सवाल किया तो सीएम ममता खड़ी हो गईं और घोषणा कर दी कि प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हो चुकी है। इस घटना पर ट्विटर यूजर्स ने अलग-अलग तरीके से अपनी प्रतिक्रिया दी। जहां रौशन नारायण (@roushan_narayan) ने लिखा,’ममता बनर्जी का दावा उस समय ध्वस्त हो जाएगा जब सुवेंदु अधिकारी घर वापसी करेंगे तो खुद ममता बनर्जी उनके स्वागत के लिए खड़ी मिलेंगी। ममता बनर्जी को अपना यह बयान रिकॉर्ड में रखना चाहिए कहीं अगर वे पलटी मारे तब ममता बनर्जी का नया बयान क्या होगा?’ वहीं हिमाद्री नंदी (@Rainman_25) ने लिखा,’ मुकुल रॉय और उनके बेटे ने टीएमसी ज्वॉइन कर ली!!!पार्टी महासचिव बनने के बाद अभिषेक बनर्जी का पहल छक्का.. प्रशांत किशोर को शरद पवार से मिलने के लिए भेजना चौका है। नमो। नमो।’ राहुल (@RahulKumarBank1) ने लिखा, कोई हैरानी नहीं कि सुवेंदु अधिकारी बीजेपी में अकेले रह जाएं।’


मालूम हो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय भगवा दल को जोरदार झटका देते हुए शुक्रवार को अपने पुत्र शुभ्रांशु के साथ अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट गए। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य की सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। पार्टी में औपचारिक रूप से फिर से शामिल होने के पहले मुकुल रॉय ने तृणमूल भवन में ममता बनर्जी के साथ मुलाकात की। तृणमूल के संस्थापकों में शामिल रॉय ने कहा कि वह “सभी परिचित चेहरों को फिर से देखकर खुश हैं।’’

रॉय के पार्टी में शामिल होने के बाद तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रॉय को भाजपा में धमकी दी गई थी और उन्हें प्रताड़ित किया गया, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुकुल की वापसी साबित करती है कि भाजपा किसी को भी चैन से नहीं रहने देती और सब पर अनुचित दबाव डालती है।’’ रॉय मुख्यमंत्री के बायीं ओर बैठे थे और अभिषेक उनके बाद बैठे थे। वहीं, पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी मुख्यमंत्री के दाहिने ओर बैठे थे। तृणमूल सूत्रों के अनुसार, यह पार्टी के भविष्य के क्रम का संकेत था।

बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक के हाल ही में शहर के एक अस्पताल में रॉय की पत्नी से मिलने के बाद उनकी संभावित घर वापसी को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं। अभिषेक के दौरे के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रॉय की पत्नी के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार प्रधानमंत्री का यह कदम रॉय को भाजपा में बनाए रखने का प्रयास था।

दिलचस्प है कि ममता और रॉय दोनों ने दावा किया कि उनके बीच कभी भी कोई मतभेद नहीं था। ममता ने कहा कि हम उन लोगों के मामले पर विचार करेंगे जो मुकुल रॉय के साथ पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और अब वे वापस आना चाहते हैं। उनके इस बयान को संकेत माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा की बंगाल इकाई से दलबदल की शुरुआत हो सकती है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी दूसरे दल में शामिल हो गए अन्य नेताओं को भी वापस लेगी, ममता ने स्पष्ट किया कि अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले लोगों को वापस नहीं लिया जाएगा।