नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक यात्रा करने वालों के लिए गुड न्यूज़ आई है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल किसानों के जमीन न देने के चलते पिछले 4 वर्षों से यह प्रोजेक्ट अटका हुआ था। लेकिन अब मामला सुलझा लिया गया है।
जमीन न मिल पाने की वजह से फंसा हुआ था प्रोजेक्ट
दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज बनाया जाना था और उसकी जमीन को लेकर ही पेच फंसा हुआ था। दरअसल किसानों ने अपना प्लॉट देने से मना कर दिया था। 4 साल पहले ही 80 करोड़ की लागत से बनने वाले इंटरचेंज के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी और 18 महीने में इसे बन कर तैयार होना था, लेकिन जमीन न देने के चलते यह प्रोजेक्ट फंसा हुआ था।
ईस्टर्न पेरिफेरल और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए जगनपुर अफजलपुर गांव के नजदीक इंटरचेंज का निर्माण होना है। 2019 में किसानों ने ₹3500 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजे की मांग की थी। इसके अलावा 64% अधिक मुआवजा देने की मांग की थी। रिहायशी भूखंड पर जमीन को लेकर यह मामला फंस गया था।
ऐसे कम होगा 20 किलोमीटर सफर
दरअसल अभी आगरा की ओर से यमुना एक्सप्रेसवे से आने वाले वाहनों को हरियाणा जाने के लिए जीरो पॉइंट से वापस सिरसा लूप से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर जाना पड़ता है। इसके बाद वे परी चौक होते हुए आगरा जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे की ओर जाते हैं। इस तरह पूरे 20 किलोमीटर का चक्कर अधिक काटना पड़ता है। वहीं इंटरचेंज बन जाने से दोनों एक्सप्रेस में आपस में जुड़ जाएंगे और लोगों को 20 किलोमीटर का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
दरअसल यमुना प्राधिकरण किसानों को सेक्टर 25 में प्लॉट देना चाहता था लेकिन किसान एक्सप्रेसवे के किनारे जमीन की मांग करने लगे थे। इसके बाद जमीन को लेकर मामला फंस गया और इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया।
वहीं अब यमुना प्राधिकरण किसानों का एक्सप्रेसवे के नजदीक ही रिहायशी प्लॉट देने को तैयार हो गया है। किसानों के लिए 77 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर ली गई है। यह जमीन एक्सप्रेसवे के पास ही है। वहीं किसानों ने भी इंटरचेंज के निर्माण पर अपनी सहमति व्यक्त कर दी है। इसलिए अब इसका निर्माण कार्य जल्दी शुरू हो जाएगा। जैसे ही इंटरचेंज का निर्माण होगा, तुरंत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे आपस में जुड़ जाएंगे।