केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने छात्र राजनीति से सियासत की शुरुआत की थी। उन दिनों उन्होंने अपने एक दोस्त से स्कूटर उधार ली थी। उस स्कूटर पर चार लोग बैठकर चला करते थे। हाल ही में एक इंटरव्यू में गडकरी ने बताया कि मैं यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट लीडर था। आज भी वह पागलपन याद आता है। उस वक्त पैसे नहीं थे, हमारी हालत खराब थी।
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) बताते हैं कि एक दोस्त ने स्कूटर दे दिया। मैंने कहा कि स्कूटर पर तो दो ही लोग बैठ सकते हैं। ऐसा करो 3 लोग बैठते हैं और चौथे को टायर पर बैठा दो। वह हाथ से पीछे नंबर प्लेट ढक लेगा, ताकि पुलिस न पकड़ पाए।
एक्सीडेंट में 4 जगह से टूट गए थे पैर
नितिन गडकरी ने इसी दौरान एक और किस्सा सुनाया कि किस तरीके से एक एक्सीडेंट के बाद उन्हें 2 साल हॉस्पिटल में बिताने पड़े थे। गडकरी बताते हैं कि उन दिनों मैं महाराष्ट्र में अपोजिशन लीडर हुआ करता था। कलेक्टर ने सड़क पर एक पेड़ काटने की इजाजत नहीं दी थी। मेरे ड्राइवर को मोतियाबिंद था, और उसने एक्सीडेंट कर दिया। मेरा पैर चार जगह से टूटा था। 2 साल हॉस्पिटल में बिताना पड़ा था।
अंधा था सीएम का ड्राइवर, आवाज सुन चलाता था गाड़ी
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) कहते हैं कि उस हादसे के बाद मैंने पूरे महाराष्ट्र में ड्राइवर की आंखों की जांच करवाई। बताते हुए शर्म आ रही है कि 40% ड्राइवर को मोतियाबिंद निकला। गडकरी ने एक और दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा कि मैं नाम नहीं लूंगा, लेकिन एक मुख्यमंत्री ऐसे थे, जिनका ड्राइवर पूरा अंधा था। वह सिर्फ आवाज सुनकर गाड़ी चलाता था। इसी तरह केंद्र में एक बहुत बड़ी मंत्री थीं। उनका ड्राइवर एक आंख से अंधा था। चूंकि वह सरकारी ड्राइवर था, इसलिए अपनी बीमारी छिपाई। अगर ड्राइवर की आंखें खराब होती हैं तो नौकरी से निकाल दिया जाता है।
ड्राइविंग लाइसेंस पर नया ऐलान
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सड़क सुरक्षा की बात करते हुए कहा कि हमारी मानसिकता ही ऐसी बनी है कि कोई गंभीरता नहीं है। पता नहीं मुझे इस बात पर अभिमान करना चाहिए या नहीं, दुनिया में सबसे आसानी से अगर कहीं ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है तो वह भारत है।
गडकरी ने एक और किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बेटी के पास अमेरिका गया था। मैंने देखा कि वह एक मोटी किताब से दिन-रात पढ़ाई कर रही है। मैंने उससे पूछा कि क्या पढ़ रही है? तो उसने कहा कि मेरा एग्जाम है। मैंने पूछा किस चीज का एग्जाम? उसने कहा ड्राइविंग लाइसेंस का। मैं दंग रह गया था।
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)ने कहा कि अब मैं ड्राइविंग लाइसेंस के लिए डिजिटल एग्जाम कराने वाला हूं। डिजिटल एग्जाम में मिनिमम क्वालिफिकेशन के बाद ही फिजिकल एग्जाम देने का मौका मिलेगा।