जम्मू-कश्मीर पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती की बेटी, इल्तिजा मुफ्ती अपने एक पोस्ट की वजह से विवाद में आ गई हैं। ओडिशा में एक बंगाली मुस्लिम प्रवासी मजदूर की मारपीट करके हत्या कर दी गई थी। कुछ लोगों ने कहा कि यह हमला उसकी पहचान या देश की नागरिकता की वजह से हुआ, लेकिन ओडिशा पुलिस ने यह दावा गलत बताया और कहा कि यह केवल ‘बीड़ी’ को लेकर हुई बहस के बाद मारपीट में बदल गया।
शुक्रवार को इल्तिजा मुफ्ती ने X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, “ना इंडिया, ना भारत और ना ही हिंदुस्तान, यह है लिंचिस्तान’।” इसके साथ उन्होंने उस व्यक्ति की तस्वीर भी साझा की, जिसकी ओडिशा में बांग्लादेश से अवैध अप्रवासी होने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता अभिजीत जसरोटिया ने पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इल्तिजा सिर्फ कुछ चुनिंदा मामलों पर ही गुस्सा दिखाती हैं। जसरोटिया ने कहा, “वह सिर्फ मुसलमानों की लिंचिंग की बात करती हैं, हिंदुओं की नहीं।”
संबलपुर जिले में 19 साल के जुएल शेख की हत्या के समय वहां मौजूद एक अन्य मजदूर ने कहा कि उन पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि लोग उन्हें बांग्लादेशी समझ रहे थे और उनसे पहचान पत्र मांगा गया था।
यह घटना क्रिसमस की पूर्व संध्या को संभलपुर के शांति नगर इलाके में हुई। शेख और अन्य प्रवासी मजदूर उस समय एक निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे। मजदूर ने बताया कि छह लोगों ने उनके पास आकर बीड़ी मांगी और फिर उनके आधार कार्ड देखने के बाद उन पर हमला कर दिया। इस हमले में जुएल शेख की मौत हो गई और बाकी मजदूर घायल हो गए।
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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के एक घायल मजदूर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पहले बदमाशों ने उनसे बीड़ी मांगी और फिर आधार कार्ड दिखाने को कहा। इसके बाद उन्होंने जुएल शेख का सिर किसी कठोर चीज़ से मार दिया।
इस बीच, पुलिस ने कहा कि हमला पीड़ितों की पहचान या राष्ट्रीयता की वजह से नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बीड़ी को लेकर हुई तीखी बहस झगड़े में बदल गई। उत्तरी रेंज के आईजीपी हिमांशु कुमार लाल ने कहा, “इस हत्या का पीड़ित के बंगाली या बांग्लादेशी होने से कोई संबंध नहीं है।” भीड़ द्वारा किए गए इस हमले के सभी छह आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
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