मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के एक दिन बाद शिवसेना ने नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया कि प्रचार अभियान के दौरान दिखी ‘‘लहर’’ की ताकत तट पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो गई । पार्टी ने त्रिशंकु विधानसभा के बीच महाराष्ट्र के आगे बढ़ने को लेकर भी संंदेह जताया।

 
शिवसेना ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस और राकांपा को चुनाव में बहुकोणीय मुकाबले की वजह से फायदा मिला । इसने मतदाताओं से पूछा कि क्या वे इस खंडित जनादेश से खुश हैं ।

 
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में आज एक संपादकीय में कहा गया, ‘‘शिवसेना-भाजपा गठबंधन के टूटने और सभी सीटों पर चार-पांच कोणीय मुकाबले की वजह से भाजपा और यहां तक कि कांग्रेस-राकांपा को फायदा मिला । शिवसेना…भाजपा गठबंधन के टूटने से कांग्रेस…राकांपा को लाभ मिला। लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए ये दोनों दल मिलकर 25 से ज्यादा सीटें भी नहीं जीत सकते ।’’

 
इसमें कहा गया कि शिवसेना इस पर टिप्पणी नहीं करेगी कि वह वर्तमान परिणामों को किस तरह देखती है, क्योंकि ‘‘सभी शक्तिशाली मतदाताओं’’ की राय महत्वपूर्ण है जिन्होंने खंडित जनादेश दिया है ।

 
संपादकीय में कहा गया है ‘‘चूंकि किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है, इसलिए संदेह पैदा होता है कि अस्थिरता के चलते राज्य कैसे आगे बढ़ेगा ।’’
मोदी और भाजपा पर कटाक्ष करते हुए संपादकीय में कहा गया है कि प्रचार अभियान के दौरान दिखी ‘‘लहर’’ तट पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो गई ।
शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘लहर में कुछ स्थानों पर झाग ज्यादा था और पानी कम था ।’’

 
संपादकीय में कहा गया, ‘‘लोगों ने किसी दल को स्पष्ट जनादेश नहीं दिया है । फिर भी यदि लोग अपनी जीत का ढिंढोरा पीट रहे हैं तो हम उन्हें बधाई देते हैं । हम महाराष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम करते रहेंगे क्योंकि शिवसेना का जन्म ही इसीलिए हुआ है । चुनाव बाद के परिदृश्य पर अपनी राय से आगे, हम लोगों से पूछना चाहेंगे कि क्या वे खंडित जनादेश से खुश हैं ।’’ इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र एक बार फिर अस्थिरता और अराजकता में धकेला जा रहा है ।

 
मुख्सपत्र में कहा गया है कि शिवसेना ने मजबूत और एकीकृत महाराष्ट्र के लिए लड़ाई लड़ी ।

 
संपादकीय में कहा गया, ‘‘भाजपा अपने प्रधानमंत्री, समूचे मंत्रिमंडल और यहां तक कि वह अपने द्वारा शासित अन्य राज्यों से भी पार्टी मशीनरी को महाराष्ट्र में ले आई । इस सबके बावजूद, शिवसेना को मिली सफलता अमूल्य है । प्रचार अभियान के दौरान मिले फीडबैक के आधार पर हमने सोचा था कि शिवसेना को स्पष्ट बहुमत मिलेगा ।’’