देश में सांसदों को संसद में जनता की आवाज उठाने के लिए भेजा जाता है। सांसदों के पांच साल का लंबा कार्यकाल अब समाप्त होने को है और जल्द ही लोकसभा चुनाव का बिगुल भी देश में बज जाएगा। मगर, विभिन्न दलों के नौ सांसद अपने पूरे कार्यकाल में एक बार भी सदन में नहीं बोले। ये सांसद देश की प्रमुख सीटों से जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं।

कई जाने-माने चेहरे और सेलेब्रिटी हैं

लोकसभा सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इन सांसदों में कई जाने-माने चेहरे भी शामिल हैं। इनमें फिल्म जगत से राजनीति में आने वाले सनी देओल और शत्रुघ्न सिन्हा का नाम भी हैं। शत्रुघ्न सिन्हा उन नेताओं की श्रेणी में भी शुमार हैं, जिन्होंने कभी संसद में कोई शब्द नहीं बोला और न ही किसी नियम के तहत संसद की किसी कार्यवाही में हिस्सा लिया।

बंगाल से लेकर यूपी तक के जनप्रतिनिधि रहे हैं

वे वर्तमान में आसनसोल क्षेत्र से सांसद हैं और इससे पहले के कार्यकाल में वह पटना साहिब लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। जबकि, सनी देओल ने संसद में एक बार भी मौखिक रूप से कोई मुद्दा तो नहीं उठाया है, हालांकि उनके नाम पर सदन की कार्यवाही में कुछ मुद्दे उठाने की जानकारी सामने आई है। इसी तरह कर्नाटक के बीजापुर सीट से भाजपा सांसद रमेश चंद्रप्पा जिगाजिनागी भी उन प्रमुख सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने कभी कार्यवाही या सदन में चर्चा में हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की घोसी निर्वाचन क्षेत्र से सांसद अतुल राय भी इसी श्रेणी में शामिल हैं।

इसके अलावा जिन सांसदों ने आज तक लोकसभा के अंदर मौखिक रूप से जनता की आवाज नहीं उठाई है, उनमें दिब्येंदु अधिकारी भी शामिल हैं। वह पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस से जीत कर आए हैं। ये तमलुक लोकसभा से सांसद हैं। इसी तरह चिकबल्लपुर सीट से बीएन बच्चे गौड़ा, उत्तर कन्नड़ सीट से भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े, चामराज नगर लोकसभा सीट से वीश्री निवास प्रसाद और असम लोकसभा सीट से सांसद प्रधान बरुआ भी उस श्रेणी में शामिल हैं, जिन्होंने एक भी शब्द लोकसभा में नहीं बोला।

इस लोकसभा में सत्रवार वर्क प्रोडक्टिविटी रही है 97 फीसद

सत्रहवीं लोकसभा के दौरान कुल 15 सत्र हुए हैं। इन सत्र में कार्य उत्पादकता 97 फीसद रही है। इस दौरान सबसे अधिक कार्य उत्पादक तेरहवां सत्र रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के आदेशों के बाद यह रपट तैयार की गई है, जो सोमवार को जारी की गई।

सभी सत्रों का आकलन बताता है कि इस लोकसभा में कुल 202 विधेयक फिर से स्थापित किए गए और कुल 222 विधेयक को सदन ने पारित किया है। इसके अतिरिक्त पांच साल में देशभर के सांसदों ने कुल 4,663 सवाल किए हैं। इनमें से 1,116 सवालों का जवाब सदन में दिया गया है।