NIA Officer Vishal Garg Suspends: गृह मंत्रालय ने मंगलवार (25 अप्रैल, 2023) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के एक अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मंत्रालय ने भ्रष्टाचार के आरोप NIA अधिकारी विशाल गर्ग को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही उनके कार्यालय को सील कर दिया गया है। सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ANI ने यह जानकारी दी है।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए NIA ने जांच टीम का गठन किया है। विशाल गर्ग पर दो साल पहले भी हाफिज सईद से जुड़े फंडिंग केस में दिल्ली के व्यापारी से दो करोड़ रुपये लेने के आरोप लगे थे। तब एनआईए की जांच के बाद विशाल गर्ग सहित दो लोगों को क्लीन चिट मिली थी। इससे पहले एक साल तक निलंबित रखने के बाद विशाल गर्ग को राष्ट्रीय जांच एजेंसी मुख्यालय में एसपी ट्रेनर के रूप में बहाल किया गया था। यह निलंबन हाफिद सईद से जुड़े मामले में ही हुआ था।
2019 में NIA के तीन ऑफसरों पर लगा चुका है ब्लैकमेलिंग का आरोप
दिल्ली के एक व्यापारी ने साल 2019 में NIA के तीन ऑफिसरों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए थे। व्यापारी ने दावा किया था कि अधिकारियों ने फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन से जुड़े एक आतंकी मामले में उसका नाम नहीं लेने के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की थी। पाकिस्तान में स्थित फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन का संचालन हाफिज सईद करता है। इस मामले में NIA ने जुलाई 2018 में मामला दर्ज किया था।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, मामले की जांच के लिए डीआईजी रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में अध्यक्षता वाली आंतरिक खोज टीम ने अधिकारी को कमेटी का गठन किया गया था। इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी गई थी। फलाह-ए-इन्सानियत की जांच में पाया गया कि हाफिज सईद ने अपने साथी के साथ मिलकर 2012 के करीब राजधानी दिल्ली और हरियाणा में धार्मिक नेताओं की आड़ में स्लीपर सेल और लॉजिस्टिक बेस बनाने प्लानिंग की थी।
इन मामलों में जांच टीम का हिस्सा रह चुके विशाल गर्ग
सस्पेंड किए गए NIA ऑफिसर विशाल गर्ग साल 2007 के समझौता और अजमेर ब्लास्ट के मामले की जांच टीम का हिस्सा रह चुके हैं। मुंबई में 26/11आतंकी हमले के बाद स्थापित की गई एनआईए में बीएसएफ से डेपुटेशन में आए विशाल गर्ग को एनआईए में स्थाई रूप से शामिल कर लिया गया था। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के एनजीओ फलाह-ए-इंसानियत से भारत में कई मदरसों में फंडिंग हुई थी। 2018-19 में इस मामले की जांच भी विशाल गर्ग ने की थी।