KIIT University Suicide: भुवनेश्वर में Kalinga Institute of Industrial Technology (KIIT) के हॉस्टल में एक और नेपाली छात्रा की आत्महत्या के मामले को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। छात्रा की मां का कहना है कि जिस दिन यह घटना हुई थी, शाम को 8 बजे उनकी बेटी से बात हुई थी। पिता का कहना है कि बेटी ने बहुत अच्छे ढंग से बात की थी। घटना के बाद छात्रा के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।

लड़की की उम्र 18 साल थी और वह अपने हॉस्टल के कमरे में मृत अवस्था में मिली थी। भुवनेश्वर के पुलिस आयुक्त का कहना है कि ऐसा संदेह है कि उसने आत्महत्या की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

छात्रा कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही थी और नेपाल के बीरगंज इलाके की रहने वाली थी। याद दिलाना होगा कि 3 महीने से भी कम वक्त में यह इस तरह की दूसरी घटना है।

पुलिस का कहना है कि उसे छात्रा के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और इस मामले में छात्रा के मोबाइल फोन और लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

KIIT भुवनेश्वर में नेपाल की एक और छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से भी इस मामले में बयान आया है। मंत्रालय ने कहा है कि वह घटना को लेकर ओडिशा सरकार के लगातार संपर्क में है। ओडिशा सरकार ने कहा है कि उसने मृतक के परिवार की पूरी मदद की है और राज्य की पुलिस इसे लेकर जांच कर रही है। नेपाल के विदेश मंत्री का कहना है कि दिल्ली में स्थित नेपाली दूतावास भारत सरकार और ओडिशा सरकार से लगातार बातचीत कर रहा है।

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UGC ने बनाया पैनल

इस मामले में जांच के लिए University Grants Commission ने चार सदस्यों का पैनल बनाया है। UGC ने कहा है कि Indira Gandhi National Open University (IGNOU) के पूर्व कुलपति नागेश्वर राव की अध्यक्षता में यह पैनल बना है और यह दोनों मामलों की जांच करेगा।

नेपाली छात्रा की मौत बना था बड़ा मुद्दा

इससे पहले जब नेपाली छात्र ने आत्महत्या की थी तो भारत और नेपाल के बीच यह एक बड़ा मुद्दा बन गया था। उस वक्त यह मामला नेपाल की संसद में भी उठा था क्योंकि तब KIIT के कई वीडियो वायरल हुए थे। नेपाली नेताओं का कहना था कि इन वीडियो में नेपाल के लोगों के लिए बेहद खराब भाषा का इस्तेमाल किया गया है। तब हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गए थे और नेपाल के कई छात्रों को कॉलेज से बाहर निकाल गया दिया गया था लेकिन नेपाली दूतावास और प्रधानमंत्री केपी ओली के सीधे दखल के बाद KIIT को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था।

इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जांच की थी और इसके लिए विश्वविद्यालय को जिम्मेदार ठहराया था। आयोग ने कहा था कि आरोपियों ने पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया था।

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