आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है। आप विधायक ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई थी कि उसे दिल्ली पुलिस ने बेवजह हिस्ट्रीशीटर घोषित कर रखा है। हाईकोर्ट भी उसकी अपील पर सुनवाई नहीं कर रहा है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने अपने आदेश में दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हिदायत देते हुए कहा कि वो बताए कि आप विधायक को किस बिनाह पर हिस्ट्रीशीटर बनाया गया है। आप विधायक को पिछले साल दिल्ली पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया था।
कुल 18 मामले दर्ज, 4 में बरी भी हो चुका- बोला आप विधायक
अमानतुल्लाह खान ने अपनी रिट में कहा कि उसके खिलाफ कुल 18 मामले दर्ज हैं। 14 में अदालतें उसे बरी कर चुकी हैं। उसे आज तक किसी भी केस में दोषी करार देकर सजा नहीं सुनाई गई। अपने खिलाफ दर्ज हुए हर केस में वो पुलिस के समन पर हाजिरी लगाता रहा। कभी भी किसी केस में पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित नहीं किया तो फिर एक जनप्रतिनिधि को दिल्ली पुलिस हिस्ट्रीशीटर कैसे घोषित कर सकती है।
आप विधायक का कहना है कि उसने दिल्ली हाईकोर्ट के पास दरख्वास्त देकर अपील की थी कि उसे दिल्ली पुलिस के पास अपना पक्ष रखने की इजाजत दी जाए। लेकिन इसी साल हाईकोर्ट ने उसकी दलील को खारिज कर दिया था। विधायक का कहना है कि वो जन प्रतिनिधि है। दबे कुचले लोगों की लड़ाई अक्सर लड़ता रहता है। इसी वजह से पुलिस उसके ऊपर केस दायर कर देती है।
विधायक का कहना है कि उसे पहले हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया। फिर ये बात सोशल मीडिया पर फैला दी गई। इससे उसकी बड़ी फजीहत हुई। जो अपराध उसने कभी किया ही नहीं, उसके लिए उसे बहुत ज्यादा बड़ी सजा मिल रही है। सुप्रीम कोर्ट उसके साथ न्याय करे। दिल्ली पुलिस की कार्यवाही से उसकी छवि धूमिल हो रही है। अगर कोर्ट न्याय नहीं करेगा तो लोग उसे गलत ही समझते रहेंगे।