चाचा से नाराज होकर पार्टी के दो फाड़ करने वाले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को चुनाव आयोग ने असली एनसीपी घोषित किया, तो शरद पवार झटके में आ गए। चुनाव आयोग ने शरद पवार की पार्टी का झंडा से लेकर नाम-निशान तक चुनाव आयोग ने अजित पवार के हवाले कर दिया। इसके चलते महाराष्ट्र में सियासी पारा अभी भी चढ़ा हुआ है। हालांकि शरद पवार गुट ने कहा था कि वे इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे लेकिन अब अजित पवार ने एक और दांव चल दिया है। अजित पवार के गुट ने चाचा के जाने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है।

अजित पवार गुट की तरफ से मांग की गई है कि विपक्ष की तरफ से मामले में दायर किसी भी याचिका पर अगर कोर्ट सुनवाई करें तो अपना पक्ष रखने का मौका अजित पवार गुट को भी दिया जाए। बता दें कि 6 महीने से एनसीपी के दोनों गुटों के बीच टकराव जारी है। चुनाव आयोग ने अब एनसीपी में निपटारा किया है।

अब एनसीपी का नाम चुनाव चिन्ह घड़ी और झंडा सबकुछ अजित पवार को ही दे दिया गया है। इस फैसले पर शरद पवार के धड़े ने नाराजगी जताई थी। महाविकास अघाड़ी में उनकी साथी रही उद्धव शिवसेना और कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के फैसले का विरोध किया था और कोर्ट जाने का ऐलान भी किया था।

अजित पवार की क्या है मांग?

अब अजित पवार ने कैविएट के जरिए मांग की है कि अगर सुप्रीम कोर्ट में शरद पवार इस मामले में कोई याचिका दायर करते हैं तो फिर उस पर एकतरफा फैसला न दिया जाए। इसके साथ ही उनकी बात भी सुनी जाए। बता दें कि चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद मुंबई के एनसीपी दफ्तर के बाहर कुछ पोस्टर लगाए गए हैं। इस पोस्टर में शरद पवार, सुप्रिया सुले और रोहित पवार की तस्वीर लगी है। पोस्टर में लिखा है कि चिन्ह तुम्हारा, बाप हमारा।

NDA में शामिल हो गए थे अजित पवार

बता दें कि अजित पवार एनसीपी में अपने कुछ विधायकों का समर्थन लेकर बीजेपी के एनडीए गठबंधन में चले गए थे। इसका उन्हें ईनाम भी मिला था और उन्हें देंवेद्र फडणवीस के बराबर डिप्टी सीएम भी बनाया गया था। तब से लेकर लगातार मौके-दर-मौके अजित पवार अपने ही चाचा शरद पवार पर राजनैतिक हमले करते ही रहते हैं। अब उनकी नजर शरद पवार की पारंपरिक सीट बारामती पर है, जिससे फिलहाल एनसीपी की सुप्रिया सुले सांसद हैं। अजित पवार अब उस सीट पर जमकर प्रचार भी कर रहे हैं।