आज मीडिया के विभिन्न माध्यमों द्वारा जिस तरह सूचना की बौछार की जा रही है, उसको देखते हुए लगता है कि मीडिया और मनोरंजन ही वे क्षेत्र हैं जिनमें रोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं। और सच भी यही है। यदि सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों और विभिन्न मीडिया माध्यमों को एक साथ देखा जाए तो ये दोनों आज दुनिया में सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्र बनते जा रहे हैं।

ये जरूर है कि आज की मीडिया का स्वरूप परंपरागत मीडिया से अलग सोशल मीडिया लेता जा रहा है। बेहतर होगा कि पूरी तरह इसे सोशल मीडिया न कहकर के सम्मिलित मीडिया कहा जाए। परंपरागत मीडिया की यह विशेषता होती है कि किसी भी समाचार को उसके विभिन्न रूपों में पढ़ा और देखा जा सकता है। यानी जो खबरें समाचार-पत्रों में छपती हैं, उन्हीं के डिजिटल स्वरूप को हम मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं।

साथ ही जिस समाचार को टेलीविजन पर दिखाया जाता है, उसको हम यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हैं। इस तरह हम देखें तो समाचार एक ही होता है, लेकिन उसके प्रस्तुतीकरण के माध्यम अलग-अलग होते हैं। इस तरह कहा जा सकता है आज मीडिया में रोजगार की कोई कमी नहीं है बल्कि उसके प्लेटफॉर्म अलग-अलग हो गए हैं।

भारत में डिजिटल मीडिया और परंपरागत मीडिया मिलकर काम कर रहे हैं जिससे इन दोनों का भविष्य उज्ज्वल है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के पाठकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। मार्केट वॉच संस्था के रिपोर्ट को यदि हम माने तो आज पत्रकारिता में कुशल पेशेवरों की जरूरत है जो कंटेंट में दम भरने के साथ-साथ तकनीक के उपयोग करने में भी सक्षम हों।

जब हम मीडिया की बात करते हैं तो इसमें केवल समाचार प्रस्तुत करने वाले माध्यम ही नहीं आते बल्कि सिनेमा से लेकर विज्ञापन, जनसंपर्क, डिजिटल मार्केटिंग, लेखन, वीडियो संपादन, लघु फिल्म आदि को इसी का अंग माना जाता है। चूंकि भारत विश्व में सबसे अधिक फिल्म निर्माण करने वाला देश है, इसलिए इस क्षेत्र में भी मीडिया पेशेवरों की मांग सदैव बनी रहती है।

किसके लिए अच्छा
ग्लैमर से जुड़ा होने की वजह से मीडिया के क्षेत्र में युवाओं की विशेष दिलचस्पी रहती है। लेकिन इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सदैव दबाव में काम करना पड़ता है। इसलिए इस क्षेत्र में काम करने वाले विद्यार्थियों के भीतर जुनून का होना आवश्यक है क्योंकि इस क्षेत्र में हमेशा डेडलाइन के मुताबिक काम करना पड़ता है। फिर चाहे वह प्रिंट हो या इलेक्ट्रानिक मीडिया। यही बात विज्ञापन और फिल्मों पर भी लागू होती है। इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अपने व्यक्तिगत जीवन के समय की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना पड़ता है। खबरों तक पहुंचने के लिए एक पत्रकार को दिन-रात लगातार काम करना पड़ सकता है संक्षिप्त रूप में, जन-संचार का क्षेत्र कार्य संतुष्टि, नाम व प्रसिद्धि देने वाला तो है साथ ही चुनौतीपूर्ण भी होता है।

अग्रणी संस्थान
दिल्ली पत्रकारिता स्कूल, उत्तरी परिसर, दिल्ली विश्वविद्यालय
भारतीय जन-संचार संस्थान, नई दिल्ली
एजेके जन-संचार शोध केंद्र, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल
एशियन पत्रकारिता कॉलेज, चेन्नई
उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र
जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू कश्मीर; सिम्बोयसिस जन-संचार संस्थान, पुणे
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

योग्यता
इस क्षेत्र में नौकरी पाने के लिए एक विद्यार्थी को उपरोक्त संस्थानों से मीडिया की डिग्री होने के अलावा उसे समाचारों की अच्छी समझ के साथ-साथ समसामयिक विषयों की जानकारी भी होनी चाहिए। इसी प्रकार, इलेक्ट्रानिक मीडिया में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को वीडियो संपादन, प्रोडक्शन आदि का भी ज्ञान होना चाहिए। विज्ञापन और जनसंपर्क के क्षेत्र में रुचि रखने वालों को मीडिया योजना और शोध में लगाव होना आवश्यक है। यदि आपको अपनी रुचि के अनुसार योग्यता और काबिलियत है तो आपको नौकरी पाने से कोई नहीं रोक सकता।
विभिन्न भूमिका और पदनाम
रिपोर्टर, संपादक
कॉपीराइटर, प्रूफ रीडर
फोटोग्राफर, फिल्म निर्देशक
टीवी संवाददाता, प्रोड्यूसर
रेडियो जॉकी/आरजे
फिल्म प्ले राइटर
वीडियो जॉकी
ध्वनि इंजीनियर

जनसंपर्क अधिकारी
-डॉ. संजय सिंह बघेल
(शिक्षक, दिल्ली विश्वविद्यालय)