महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा में अब तक 47 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यहां पर औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग हो रही थी। इसी दौरान दो गुटों के बीच विवाद शुरू हो गया। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह हिंसक घटना और दंगे पूर्व नियोजित प्रतीत होते हैं। छावा फिल्म ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों के गुस्से को भड़का दिया है, फिर भी सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए।” महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि प्लानिंग के तहत इस हिंसा को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। फडणवीस ने कहा कि मैंने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी कदम उठाने जरूरी हैं, वह उठाए जाएं।
नागपुर हिंसा पर शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण नहीं है। यहीं पर आरएसएस का मुख्यालय है। यह देवेंद्र जी का निर्वाचन क्षेत्र भी है। यहां हिंसा फैलाने की हिम्मत कौन कर सकता है? हिंदुओं को डराने, अपने ही लोगों से उन पर हमला करवाने और फिर उन्हें भड़काकर दंगों में शामिल करने का यह एक नया पैटर्न है।”
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “नागपुर के महाल इलाके में जिस तरह से स्थिति तनावपूर्ण हुई, वह बेहद निंदनीय है। कुछ लोगों ने पुलिस पर भी पत्थरबाजी की, जो गलत है। मैं स्थिति पर नजर रख रहा हूं। सभी शांति बनाए रखें। अगर कोई दंगा करता है या पुलिस पर पत्थरबाजी करता है या समाज में तनाव पैदा करता है, तो ऐसे सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। मैं सभी से अपील करता हूं कि नागपुर की शांति भंग न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवहार करें। अगर कोई तनाव पैदा करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
कल की झड़प और हिंसा पर नागपुर के पुलिस कमिश्नर डॉ रविंदर सिंघल ने कहा, "हमने मामला दर्ज कर लिया है और लोगों को गिरफ़्तार कर रहे हैं। शांति स्थापित करने के लिए हमारी कार्रवाई जारी है। सोशल मीडिया पर नज़र रखी जा रही है और जो जानकारी मिल रही है, उसे हम आगे बढ़ा रहे हैं। क्या कोई इसकी साज़िश कर रहा था और इसमें कितने लोग शामिल थे, इसकी जांच की जा रही है।"
पुलिस और सुरक्षाकर्मी लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए हिंसा प्रभावित इलाके में फ्लैग मार्च कर रहे हैं।
अगर पुलिस ने इन दो रिपोर्टों पर कार्रवाई की होती, जो उनके पास थीं और यह बयान दिया होता कि कोई कुरान नहीं जलाया गया और कोई हरा कपड़ा नहीं जलाया गया, तो मुझे लगता है कि स्थिति बिल्कुल अलग होती। मैं यह नहीं कहूँगा कि पुलिस को अकेले ही ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, आखिरकार, उन्हें शो मैनेज करना है। लेकिन सीएम को दोनों पक्षों को दोषी ठहराना चाहिए। सीएम क्या कर रहे हैं, सीएम केवल एक के खिलाफ़ कार्रवाई कर रहे हैं।
वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि उनके कार्यकर्ताओं से मिली जानकारी के अनुसार, "मजार का पुतला जिस पर हरा कपड़ा बिछाया गया था, जलाया गया"।
कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे ने नागपुर हिंसा को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इस मुद्दे का इस्तेमाल महाराष्ट्र की गंभीर चिंताओं से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।
मध्य नागपुर के विधायक प्रवीण दटके ने आरोप लगाया कि हिंसा भड़काने के लिए "बाहरी लोगों" को इलाके में लाया गया था। दटके ने कहा, "जबकि सरकार ने शांति की अपील की है, हमने पुलिस को निर्देश दिया है कि वे अशांति के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।"
नागपुर में हिंसा प्रभावित राज्यों में कर्फ्यू लागू है। विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि 300 सालों से नागपुर में कोई दंगा नहीं हुआ।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया है। इस हिंसा में तीन लोग घायल हो गए हैं और कई लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फड़नवीस जिनके पास गृह विभाग भी है वो नागपुर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा का ज़िम्मेदार ‘छावा’ पिक्चर को बता रहे हैं तो आप सत्ता में झुनझुना बजाने के लिए बैठे हैं क्या।
बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष औरंगजेब की विचारधारा को पुनर्जीवित कर रहा है। औरंगजेब की विचारधारा को बढ़ावा देने के बजाय, उन्हें (कांग्रेस को) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की विचारधारा को बढ़ावा देना चाहिए। मुख्य कार्य औरंगजेब की कब्र को हटाना नहीं है, बल्कि कांग्रेस और विपक्ष के दिमाग में औरंगजेब की विचारधारा को हटाना है।
नागपुर की घटना पर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने कहा कि मुझे बहुत दुख है कि नागपुर, जहां सभी लोग सद्भावना के साथ रह रहे थे, जहां पहले कभी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए, वहां इस बार इतनी बड़ी घटना हुई है। कई लोग घायल हुए हैं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि किसी के उकसावे में न आएं। मैं सभी से शांति बनाए रखने और देश की प्रगति के लिए काम करने की अपील करता हूं।
आदित्य ठाकरे ने कहा, "जब यह सीएम के गृहनगर में हुआ, तो भाजपा बेशर्मी से इस बारे में बोल रही है। दुख की बात है कि जब भाजपा शासन नहीं कर पाती, तो वे हिंसा, दंगे करवाते हैं, हर राज्य में यही उनका तय फॉर्मूला है, अगर आप मणिपुर को देखें, तो यही वे महाराष्ट्र को बदलना चाहते हैं, आज कोई निवेश नहीं, पर्यटक मणिपुर जाते हैं, यही वे महाराष्ट्र के लिए चाहते हैं। वे 300-400 साल पहले रहने वाले एक व्यक्ति का इतिहास खोदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे वर्तमान, भविष्य के बारे में नहीं बोल सकते। विडंबना यह है कि कब्र केंद्र द्वारा संरक्षित है, अगर सीएम फडणवीस में हिम्मत है, तो उन्हें पीएम मोदी से मिलना चाहिए, और कब्र को हटाने के लिए कहना चाहिए। यह सरल है।"
नागपुर हिंसा पर शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही मैं गृह मंत्री हूं, मुख्यमंत्री से पूछिए कि इसके (हिंसा के) पीछे कौन है। क्योंकि वहां आरएसएस का मुख्यालय है। यहां डबल इंजन की सरकार है, अगर डबल इंजन की सरकार विफल हो गई है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। आप चाहें तो उसकी (औरंगजेब की) कब्र हटा सकते हैं, लेकिन उस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाएं।
नागपुर हिंसा पर शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, बीजेपी इस मामले में बेशर्म है क्योंकि यह घटना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के गृहनगर में हुई है। दुख की बात है कि जब भाजपा शासन नहीं कर पाती है, तो वे हिंसा, दंगों का सहारा लेते हैं और हर राज्य में यही उनका तय फॉर्मूला है। अगर आप मणिपुर को देखें, तो वे महाराष्ट्र को भी यही बनाना चाहते हैं। वे 300-400 साल पहले जीने वाले किसी व्यक्ति का इतिहास खोदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे भविष्य के बारे में नहीं बोल सकते। वे वर्तमान के बारे में नहीं बोल सकते। विडंबना यह है कि कब्र की रक्षा केंद्र सरकार करती है।
विश्व हिंदू परिषद ने मांग की है कि औरंगजेब की समाधि के स्थान पर छत्रपति राजाराम महाराज और योद्धा धनाजी जाधव और संताजी घोरपड़े का स्मारक बनाया जाए।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि विधानसभा में सीएम ने कहा कि यह घटना पूर्व नियोजित थी। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अगर पुलिस को जानकारी नहीं है, तो क्या यह सरकार की विफलता है या पुलिस की विफलता है?"
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, "कुछ समूहों ने वहां (नागपुर) हिंसा भड़काई। यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी, क्योंकि अन्यथा इतने कम समय में यह सब नहीं हुआ होता। प्रशासन इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।"
नागपुर हिंसा पर कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, "अगर राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री इस घटना को पूर्व नियोजित कहते हैं, तो यह स्पष्ट है कि यह सरकार और पुलिस की विफलता है। वह (महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवी) खुद नागपुर से हैं, अगर यह घटना वहां हो रही है, तो यह सरकार की विफलता है। वे छत्रपति शिवाजी महाराज को नहीं मानते हैं, उनका एकमात्र उद्देश्य महाराष्ट्र को नष्ट करना है। नागपुर की घटना में सरकार शामिल थी।"
शहर में हिंसा के बाद नागपुर में विश्व हिंदू परिषद के देवेश मिश्रा ने कहा कि औरंगजेब का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नागपुर की घटना पर महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा, "अबू आज़मी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं। उन्होंने इस मुद्दे को शुरू किया। यह सरकार को बदनाम करने के लिए एक पूर्व नियोजित हिंसा थी। हम अपने पुलिसकर्मियों पर हाथ उठाने वालों को नहीं छोड़ेंगे। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा, "पूरा देश जानता है कि ओवैसी जैसे लोग खुद को नेता साबित करने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं. वे इस तरह के दंगे करवाकर अपना नेतृत्व स्थापित करने की कोशिश करते हैं। इस दंगे के पीछे कौन है, इसकी जांच होनी चाहिए। नागपुर की घटना पर उन्होंने कहा, "सरनेम देखकर पथराव किया गया, वाहनों में आग लगाई गई। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि घटना के पीछे कौन लोग थे। स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि बड़ी संख्या में बाहर से लोग इकट्ठा हुए और पथराव शुरू कर दिया। गिरफ्तार किए गए लोगों के सरनेम देखकर साफ पता चलता है कि इस घटना के पीछे कौन लोग थे..."
नागपुर हिंसा पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक मामला है। यह एक साजिश है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
नागपुर की घटना पर एनसीपी के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "नागपुर में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। नागपुर में ऐसी घटना कभी नहीं होती क्योंकि यह बहुत शांतिपूर्ण शहर है और लोग मिलजुल कर रहते हैं। यह घटना इतनी बड़ी नहीं है कि विपक्ष इस पर शोर मचाए। उन्हें (विपक्ष को) जनता से शांति बनाए रखने की अपील करनी चाहिए।"
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हिंसा में घायल हुए पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम से वीडियो कॉल पर बात की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
नागपुर हिंसा पर बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि अबू आज़मी इसके लिए ज़िम्मेदार है। उन्होंने इस मुद्दे को शुरू किया। यह सरकार को बदनाम करने के लिए एक पूर्व नियोजित हिंसा थी। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब ASI ने औरंगज़ेब की कब्र की रक्षा की थी। महाराष्ट्र सरकार कानून के दायरे में कार्रवाई करेगी।
नागपुर हिंसा पर शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, "मुझे यह जानना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई रिएक्शन क्यों नहीं आया जब अफवाहे फैलने लगी थी। जब किसी शहर में ऐसी घटना होती और यह तो मुख्यमंत्री का शहर है वे मुख्यमंत्री भी हैं और गृह मंत्री भी हैं। कभी भी ऐसी घटना होती है तो पहला मैसेज CMO, गृह विभाग को आता है। दोनों उनके पास हैं तो क्या उन्हें पता नहीं था कि यह घटना होने वाली है। मेरा अंदाजा यही है कि भाजपा को महाराष्ट्र का मणिपुर बनाना है।"
नागपुर हिंसा पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "पिछले कुछ हफ़्तों में महाराष्ट्र सरकार के सीएम और दूसरे मंत्री जो बयान दे रहे हैं, उसे देखने की ज़रूरत है। सबसे ज़्यादा भड़काऊ बयान सरकार की तरफ़ से आ रहे हैं। उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी का अहसास ही नहीं है कि वो मंत्री और सीएम हैं। उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में एक ख़ास बादशाह के पुतले जलाए, कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई और उन्हें ये पसंद नहीं आया। इसलिए उन्होंने कपड़े पर कुरान की आयतें लिखीं और उसे जला दिया। जब ये हो रहा था, तब हिंदू और मुसलमानों ने डीसीपी से शिकायत की। उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद हिंसा हुई। ये सरकार और इंटेलिजेंस की विफलता है।"
नागपुर हिंसा पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। दुर्भाग्य से सरकार के संरक्षण में लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री को इसके पीछे जो लोग हैं, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अतीत के आधार पर नई कहानियां गढ़ी जा रही हैं। यह देश के हित में नहीं है।"