एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है। यह पत्र विपक्षी नेताओं की ओर से लिखा गया है और इसमें केंद्रीय एजेंसियों (Central Agencies) के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को गिरफ्तार किए जाने के बाद केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लग रहे हैं।
शरद पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “उस पत्र में पहला हस्ताक्षर मेरा है। हम चाहते हैं कि पीएम हमारी चिंताओं को गंभीरता से लें। उदाहरण के लिए, केजरीवाल सरकार (Kejriwal govt) में जिस व्यक्ति ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम किया और कई लोगों ने उसकी प्रशंसा की, उसे गिरफ्तार किया जा रहा है। ऐसी गिरफ्तारियों के कई उदाहरण हैं। वहीं, जिन लोगों पर आरोप थे, उनके पार्टी (BJP) में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में लोग बदलाव की तलाश कर रहे हैं और वह सुनिश्चित करेंगे कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ें। उन्होंने कहा, “रवींद्र धंगेकर भाजपा के गढ़ कस्बा पेठ के उपचुनाव में आम लोगों द्वारा चुने गए थे, क्योंकि वह पिछले कई वर्षों से उनके लिए काम कर रहे हैं।”
आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल, शरद पवार समेत विपक्ष के नौ नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। पीएम को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है, “इस बात से आप में सहमत होंगे कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्ष के नेताओं के खिलाफ जिस तरह से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, उन कार्रवाई से ऐसा प्रतीत होता है कि हम एक लोकतंत्र से तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं।”
चिट्ठी लिखने वाले विपक्षी नेताओं में अरविंद केजरीवाल (AAP), के. चंद्रशेखर राव (BRS), ममता बनर्जी (TMC), भगवंत मान (AAP), तेजस्वी यादव (RJD), फारूक अब्दुल्ला (JKNC), शरद पवार (NCP), उद्धव ठाकरे (SHIVSENA UBT) और अखिलेश यादव (SP) शामिल हैं।