पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने 2015 में जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने शर्त रखी थी और आश्वासन मांगा था कि केंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया जाएगा। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के 24वें स्थापना दिवस पर एक सभा को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके पिता मुफ़्ती सईद सत्ता के भूखे नहीं थे और जम्मू-कश्मीर को उसकी समस्याओं और परेशानियों से मुक्ति दिलाना चाहते थे।

महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “जब मुफ्ती साहब के पास (2014 के विधानसभा चुनाव में) 28 सीटें थीं, तो उन्होंने मोदी से मुलाकात की और सरकार बनाने के लिए शर्तों की अपनी सूची दी। उन्होंने (केंद्र में) भाजपा सरकार से आश्वासन लिया कि (अनुच्छेद) 370 को नहीं छुआ जाएगा उन्होंने उनके हाथ बांध दिए। वह सत्ता के पीछे नहीं थे, अन्यथा उन्हें जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार बनाने में तीन महीने नहीं लगते।”

महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गई है। उन्होंने बीजेपी पर जम्मू-कश्मीर के लोगों पर दबाव बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “भाजपा चाहती है कि हम हार मान लें। हम ऐसा नहीं करेंगे। अगर हम सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख, गुज्जर, पहाड़ी, एकजुट हो जाएं, तो हम भाजपा को हरा देंगे।”

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री बनने वाली एकमात्र महिला महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके पिता में लोगों के लिए खड़े होने का साहस था। उन्होंने कहा, “केवल 16 विधायक होने के बावजूद (2002 के विधानसभा चुनावों में मुफ्ती साहब ने कांग्रेस (जिसके पास 20 सीटें थीं) से कहा था कि वह सरकार तभी बनाएंगे, जब पाकिस्तान और अलगाववादियों के साथ बातचीत होगी।”

मुफ्ती साहब लोगों को गुमराह करने में विश्वास नहीं रखते थे

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके पिता लोगों को गुमराह करने में विश्वास नहीं करते थे और उनका दृढ़ विश्वास था कि जम्मू-कश्मीर का भविष्य भारत के साथ है। उन्होंने कहा, “प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के बावजूद उन्होंने शेख मोहम्मद अब्दुल्ला को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लिए गए फैसले को स्वीकार किया।”

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके पिता के पहले कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुलह और विकास दोनों मोर्चों पर महत्वपूर्ण प्रगति हुई थी। उन्होंने कहा, “आडवाणी-हुर्रियत वार्ता हुई, श्रीनगर-मुजफ्फराबाद सड़क फिर से खोली गई और विकास कार्यों को गति मिली।” मुफ्ती ने बीजेपी से पूछा कि जम्मू-कश्मीर के संबंध में विशेष संवैधानिक प्रावधानों को खत्म करके उसे क्या हासिल हुआ? उन्होंने कहा, “आपने कश्मीर में क्या हासिल किया है? जवाहरलाल नेहरू लाल चौक आए थे और हजारों कश्मीरियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। आज, आप तिरंगा फहराते हैं और वहां कोई कश्मीरी नहीं है, केवल सुरक्षाकर्मी हैं।”

मुफ्ती ने आरोप लगाया कि भाजपा पूरे देश को मणिपुर में बदलने की कोशिश कर रही है और इन प्रयासों का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा, “मणिपुर तो सिर्फ एक ट्रेलर है, फिल्म अभी शुरू होनी बाकी है। बीजेपी पूरे देश को मणिपुर बनाना चाहती है। विपक्ष से मेरी अपील है कि अगर वे भारत को बचाना चाहते हैं तो एकजुट रहें। नंबर गेम में न पड़ें।”