मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में 30 अगस्त को मनाही के बावजूद मुहर्रम का जुलूस निकलने के आरोप में पूर्व पार्षद उस्मान पटेल पर रासुका लगा दिया गया। यह कार्यवाही उनपर सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो के आधार पर की गई। इस वीडियो के आधार पर उस्मान के साथ 4 अन्य लोगों पर भी रासुका लगा जबकि 23 अन्य लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 270, 151 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये सभी आरोपी फिलहाल इंदौर के केन्द्रीय जेल में बंद हैं।

मुस्लिम आरोपियों पर कठोर रवैया अपनाने वाला प्रशासन ऐसे ही एक अन्य मामले में बिलकुल चुप्पी साधे नजर आ रहा है। इंदौर से ही भारतीय जनता पार्टी के विधायक रमेश मेंदोला ने नंदन नगर में 10 दिनों का एक गणेश चतुर्थी कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में विधायक ने कोरोना वायरस के प्रसार से बचने के लिए दिशानिर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए न सिर्फ पंडाल स्थापित करवाया बल्कि भोज और अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित करवाए। इस मामले में इंदौर कांग्रेस ने विधायक पर कार्यवाही मांग की लेकिन पुलिस ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

आपको बता दें की रासुका के तहत गिरफ्तार किये गए पूर्व पार्षद उस्मान पटेल भाजपा के सदस्य थे। लेकिन उन्होंने बीते फरवरी महीने में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में पार्टी को छोड़ दिया था। उस्मान के छोटे बेटे जोएब पटेल ने कहा कि झूठे आरोप लगा कर उनके वालिद को भाजपा छोड़ने की सज़ा दी जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि मेरे 2 चाचाओं पर भी रासुका के तहत कार्यवाही हुई जबकि वे तो जुलूस में मौजूद ही नहीं थे।

इंदौर पूर्व के एसपी विजय खत्री ने कहा, “प्रशासन के साथ बैठक के दौरान, उस्मान सहित मुस्लिम समुदाय के कई सदस्य जुलूस नहीं निकालने पर सहमत हो गए थे लेकिन आखिरी दिन उन्होंने बिना अनुमति के ऐसा किया। वह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए, शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत थी। ”

एसपी ने आगे कहा, ‘जहां तक भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के आचरण का सवाल है, उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। कोई पंडाल नहीं लगाया गया है और कोई सामूहिक भोज का आयोजन नहीं किया गया। सार्वजनिक स्थानों पर पूजा करना निषिद्ध है, न कि घर में और उन्होंने घर पर प्रार्थना की। ” हालांकि कई स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पांडाल नंदन नगर के सरकारी स्कूल में लगा था.

इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए, मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता अमीन उल खान सूरी ने कहा, “जब एक भाजपा विधायक ने लॉकडाउन मानदंडों का उल्लंघन किया और एक पंडाल स्थापित किया, लगभग 10 दिनों तक एक सामूहिक भोज का आयोजन किया तो पुलिस चुप रही और उनके साथ सहयोग किया। लेकिन जब मुस्लिम समुदाय के सदस्य मुहर्रम के जुलूस निकालते हैं, तो पुलिस उनके खिलाफरासुका थोप दिया। कानून सभी के लिए समान हैं और पुलिस को उसी के अनुसार काम करना चाहिए। लेकिन यह घटना साबित करती है कि पुलिस पक्ष ले रही है।

इससे पहले भी भाजपा पर कोरोना के प्रसार को रोकने के दिशा-निर्देशों को रोकने के आरोप लग चुके हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने ग्वालियर में तीन दिवसीय सदस्यता अभियान आयोजित किया, जहां ग्वालियर, भिंड और मुरैना के हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, रविवार को रैलियों और बंद के बावजूद ग्वालियर पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। इस कार्यक्रम में भाजपा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और आधा दर्जन राज्य मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने भाग लिया था।