2023 के अंत तक 10 लाख पदों को भरने के लिए सरकार ने बड़ा भर्ती अभियान चलाया है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि ‘मिशन रिक्रूटमेंट’ के तहत अब तक नियुक्त किए गए हर 6 उम्मीदवारों में से लगभग एक महिला थी।

सरकार द्वारा आयोजित 6 रोजगार मेलों के दौरान कम से कम 4,30,546 उम्मीदवारों को क्लर्क और टाइपिस्ट, शिक्षक और डॉक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें से 3,61,763 (84%) भर्ती पुरुष थे और 68,783 (16%) महिलाएं थीं।

पीएम मोदी के निर्देश के बाद शुरू हुआ मेगा भर्ती अभियान

जून 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 महीने के भीतर 10 लाख पदों (मार्च 2022 तक खाली) को भरने के निर्देश के बाद मेगा भर्ती अभियान शुरू हुआ। कुछ महीने बाद, 14 अक्टूबर को पहला रोज़गार मेला आयोजित किया गया। अधिकांश भर्तियां रेल मंत्रालय (1,38,986) के लिए की गईं, इसके बाद डाक विभाग (68,225) और गृह मंत्रालय (43,592) के लिए किया गया।

वित्तीय सेवा विभाग के लिए 33,743 उम्मीदवारों का चयन किया गया, वहीं रक्षा मंत्रालय में 18,635, राजस्व विभाग में 14,952 और उच्च शिक्षा विभाग में 11,536 नई भर्तियां हुईं। यह भर्तियां बड़े पैमाने पर ग्रुप बी और ग्रुप सी स्तर के पदों पर होती है। सभी भर्तियां समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से एसएससी, यूपीएससी और आरआरबी जैसी भर्ती एजेंसियों के जरिए की जा रही हैं।

इन पदों पर हुई भर्तियां

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में डॉक्टर, चिकित्सा विशेषज्ञ, सहायक/एसोसिएट/अतिरिक्त प्रोफेसर, फिजियोथेरेपिस्ट, टेक्निकल ऑफिसर, स्वच्छता परिचारक, थेरेपिस्ट, नेत्र तकनीशियन के पदों पर भर्ती हुई । वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक, पीजी शिक्षक के पदों पर भर्तियां हैं। रेल मंत्रालय में कमर्शियल कम टिकट क्लर्क, जूनियर क्लर्क कम टाइपिस्ट, जूनियर अकाउंट क्लर्क, ट्रैक मेंटेनर, पॉइंट्स मैन, सहायकों की भर्ती है।

वित्तीय सेवा विभाग में प्रोबेशनल ऑफिसर, कृषि क्षेत्र अधिकारी, क्लर्क / सिंगल विंडो ऑपरेटर, डेवलेपमेंट असिस्टेंट, गार्ड, जूनियर असिस्टेंट की नियुक्ति है। डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक, डाक निरीक्षक की भर्ती है।

भर्ती प्रक्रिया में मोदी सरकार के दौरान बदलाव

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया में मोदी सरकार के दौरान बदलाव देखा गया है। उन्होंने कहा कि निचले पदों के लिए साक्षात्कार को खत्म कर दिया गया है। ऐसे में चयन में किसी भी पक्षपात, भाई-भतीजावाद या हेराफेरी के लिए बहुत कम जगह बची है। चयन पूरी तरह से लिखित परीक्षा के आधार पर होता है, जबकि स्किल टेस्ट केवल क्वालीफाइंग होता है।