अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है। इस बीच मौनी बाबा ने अपना मौन व्रत तोड़ने का फैसला किया है। 10 साल की उम्र में न बोलने का संकल्प लेने वाले और राम मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ वर्षों से नंगे पैर चलने वाले मौनी बाबा 22 जनवरी को भगवान राम के नाम का जाप करके अपना मौन तोड़ेंगे। मध्य प्रदेश के मौनी बाबा ने संकल्प लिया था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और रामलला की स्थापना तक वह चप्पल नहीं पहनेंगे।
मौनी बाबा 10 साल की उम्र से मौन धारण किया हुआ है
जैसे ही रामलला मंदिर में विराजमान होंगे, मौनी बाबा चप्पल न पहनने और न बोलने का संकल्प छोड़ देंगे। मौनी बाबा 10 साल की उम्र से मौन हैं, इसलिए लोग उन्हें ‘मौनी बाबा’ कहने लगे हैं।
मौनी बाबा ने नाम से मशहूर बाबा का नाम मोहन गोपाल दास है। 1992 वह अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा हटाने वाले कार्य सेवकों के साथ मैदान में थे। उन्हें आशा और विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें निमंत्रण भेजा होगा। निमंत्रण की आशा में वह प्रतिदिन पुलिस अधीक्षक कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय जाते हैं। इसको लेकर उन्होंने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को भी आवेदन भेजा है।
मौनी बाबा सभी सवालों के जवाब स्लेट पर लिखकर देते हैं। मौनी बाबा का मूल स्थान सूर्य नगर पुलाव बालाजी है लेकिन वर्तमान में वह मध्य प्रदेश के दतिया के मंदिरों में रहते हैं। बता दें कि अयोध्या विश्व स्तर पर लोकप्रिय हो रहा है। भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यात्री अयोध्या आ रहे हैं।
22 जनवरी को भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की मेजबानी की तैयारी के बीच मेक माई ट्रिप के प्रवक्ता कहा कि उद्घाटन के बाद से भारत से अयोध्या की सर्च में में 1,806 फीसदी की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “हमने पिछले दो वर्षों में अपने प्लेटफार्म पर आध्यात्मिक स्थलों की खोज में 97 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उद्घाटन की घोषणा के बाद से भारत से अयोध्या के लिए ऑन-प्लेटफ़ॉर्म खोज में 1806 फीसदी की वृद्धि हुई है।”