Manmohan Singh Memorial: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) के स्मारक बनने को लेकर प्रक्रिया लगभग शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने आज दोपहर (2 जनवरी) बैठक की और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए दो संभावित स्थलों को चुना। इसमें एकता स्थल और विजय घाट शामिल हैं। हालांकि, इन दोनों जगहों में से स्मारक स्थल कहां होगा। इसको लेकर आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।
इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार, कई विकल्पों पर विचार करने के बाद एकता स्थल, जहां पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की समाधि है, और विजय घाट, जहां भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की समाधि है, उनको चुना गया है। विजय घाट, राजघाट (महात्मा गांधी की समाधि) के पास मुख्य रिंग रोड पर स्थित है, जबकि एकता स्थल शांति वन (जवाहरलाल नेहरू की समाधि) और राजघाट के साथ विजय घाट के बीच स्थित है।
सूत्रों के अनुसार, शहरी विकास सचिव के श्रीनिवास सिंह के परिवार को प्रस्तावित स्थलों के बारे में जानकारी देंगे। भूमि आवंटन ट्रस्ट की स्थापना के बाद होगा, जिसके लिए परिवार से सदस्यों को नामित करने के लिए कहा जाएगा।
यह घटनाक्रम केंद्र सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह , जिनका 26 दिसंबर को निधन हो गया था, उनके स्मारक के लिए कांग्रेस पार्टी के अनुरोध पर सहमति जताए जाने के लगभग एक सप्ताह बाद हुआ है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करने के लिए सरकार की आलोचना की और इसे पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति अपमानजनक बताया।
जवाब में, भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने सरकार की स्थिति का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने स्मारक के लिए संभावित स्थानों की पहचान कर ली है और डॉ. सिंह के परिवार को इस बारे में बता दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने पहले शक्ति स्थल परिसर में जगह शामिल करने का सुझाव दिया था, जहां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की समाधि है। यह स्थान, किसान घाट के साथ, राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि के करीब है।
हालांकि, स्थिति तब और बिगड़ गई जब कांग्रेस ने दावा किया कि स्मारक स्थल के लिए उनके अनुरोध को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। हालांकि, सरकार ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान के ज़रिए अपनी स्थिति तुरंत स्पष्ट कर दी।
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गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और डॉ. सिंह के परिवार के सदस्यों के साथ इस मामले पर चर्चा की है। मंत्रालय ने बताया कि स्मारक स्थल आवंटित किया जाएगा, लेकिन तत्काल अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा सकती है। मंत्रालय ने बताया कि इस प्रक्रिया में एक ट्रस्ट की स्थापना और औपचारिक रूप से स्थान निर्धारित करना शामिल होगा।
शुरुआत में कांग्रेस ने डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के लिए स्मारक बनाने के लिए उपयुक्त स्थान की मांग की थी। संयोग से, प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, डॉ. सिंह के यूपीए प्रशासन ने व्यक्तिगत स्मारकों के खिलाफ रुख अपनाया था। जगह की कमी का हवाला देते हुए, उनके मंत्रिमंडल ने 2013 में राजघाट पर राष्ट्रीय स्मृति स्थल को एक समेकित स्मारक स्थल के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया था। शनिवार को निगमबोध घाट पर डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार समारोह के पूरा होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने अपनी आलोचना को फिर से दोहराया, जिसमें कहा गया कि सरकार द्वारा स्थान के चयन ने पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत का अपमान किया है।
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