पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 10 मई की रात सीने में तकलीफ के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया। मनमोहन सिंह 87 साल के हैं और कुछ समय से बीमार चल रहे हैं। वह दिल के भी मरीज हैं। उनकी एक बायपास सर्जरी भी हो चुकी है। इससे पहले सूत्रों ने बताया कि सिंह को रात करीब पौने नौ बजे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर नीतीश नायक की निगरानी में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
साल 2009 में उनकी एम्स में ही कोरोनरी बाईपास सर्जरी हुई थी। पूर्व पीएम के स्वास्थ्य के बारे में अभी आधिकारिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। बताया जाता है कि एम्स में cardio-thoracic ward में उन्हें रखा गया है। डॉक्टर्स लगातार उनकी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
पूर्व PM मनमोहन सिंह सीने में तकलीफ की शिकायत के बाद AIIMS में भर्ती
मनमोहन सिंह 2004 में प्रधानमंत्री बने थे और 10 साल तक, नरेंद्र मोदी के पीएम बनने तक कुर्सी पर रहे। 2004 में जब सोनिया गांधी ने अचानक मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए चुना था तो सब हैरान रह गए थे।
पीएम बनने से पहले वित्त मंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह ने अपना लोहा मनवाया था। वित्त मंत्री रहते हुए 90 के दशक में उन्होंने आर्थिक सुधारों को जिस तरह लागू किया, उसके लिए उनका कार्यकाल आज भी याद किया जाता है।
सूत्रों के अनुसार, नई दवाईयों के चलते पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को कुछ परेशानी हुई। फिलहाल उन्हें बुखार भी है। डॉक्टर्स फिलहाल मनमोहन सिंह की जांच कर रहे हैं। पता चला है कि उनकी हालत अब स्थिर है और एम्स के कार्डियोथोरेसिस सेंटर में उनका इलाज चल रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता लालू प्रसाद यादव ने भी ट्वीट किया, ''डॉक्टर मनमोहन सिंह जी के अस्पताल में भर्ती होने की खबर मिली। विनम्र, बुद्धिमान, विद्वान, सच्चे सज्जन और सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक मनमोहन सिंह जी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'' लालू के पुत्र और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ''आदरणीय मनमोहन सिंह जी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।''
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया, ''डॉक्टर साहब के स्वस्थ होने की कामना कर रहा हूं। मुझे यकीन है कि वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे।''
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ''''पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबर सुनकर बेहद चिंतित हूं। उनके जल्द ठीक होने, अच्छी सेहत और दीर्घायु की कामना करता हूं।''''
मनमोहन सिंह 1991 से राज्यसभा के सदस्य हैं। 1971 में, मनमोहन सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए। 1972 में, मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बने। इसके अलावा उन्होंने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष का पद भी संभाला।
1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने निरन्तर पाँच वर्षों तक कार्य किया, जबकि 1990 में यह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बनाए गए। जब पी वी नरसिंहराव प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने मनमोहन सिंह को 1991 में अपने मंत्रिमंडल में सम्मिलित करते हुए वित्त मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंप दिया। इस समय डॉ. मनमोहन सिंह न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा के सदस्य थे। लेकिन संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार सरकार के मंत्री को संसद का सदस्य होना आवश्यक होता है। इसलिए उन्हें 1991 में असम से राज्यसभा के लिए चुना गया।
डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं। वे हमेशा से राज्यसभा के सदस्य रहे।
डॉ. मनमोहन सिंह पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे। इसी बीच वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। 1971 में डॉ. सिंह भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये। इसके तुरन्त बाद 1972में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं।
पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया।
उन्होंने बिजनेस नीति पर एक किताब लिखी है, जिसका नाम इंडियाज एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रास्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ है। यह व्यापार नीति की आलोचनात्मक दृष्टिकोण पेश करने वाली पहली पुस्तक है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत (वर्तमान पाकिस्तान) के पंजाब प्रांत में हुआ था। उनकी माता का नाम अमृत कौर पिता का नाम गुरुमुख सिंह था।
मनमोहन सिंह को देश में आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है। वह 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक पीवी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में देश के वित्तमन्त्री रहे। इस दौरान उन्होंने आर्थिक सुधारों के लिए विशेष तौर पर काम किया।
देश के जाने माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह लोकसभा चुनाव 2004 में कांग्रेस को मिली भारी जीत के बाद पहली बार प्रधानमंत्री का पद संभाला था। इसके बाद 2009 में वह दोबारा पीएम बने और सफलतापूर्वक अपना कार्यकाल पूरा किया।
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था। वह यूपीए सरकार में भारत के 13वें प्रधानमन्त्री थे। वह जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री हुए, जिनको पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला।
2009 में डॉ. सिंह की एम्स में कोरोनरी बाइपास सर्जरी हुई थी. सिंह विपक्षी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और फिलहाल राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं. वह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा, "ईश्वर से डॉ. मनमोहन सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं." हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा ने ट्वीट करते हुए कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली. मैं ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने और दीर्घायु की कामना करता हूं."
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया, "टीवी पर डॉ. मनमोहन सिंह के एम्स में भर्ती होने की खबर देखी. मैं ईश्वर से शीघ्र स्वस्थ होने और दीर्घायु की कामना करता हूं."
87 वर्षीय सिंह को रात आठ बजकर 45 मिनट पर अस्पताल में भर्ती किया गया। वह फिलहाल इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ.नितीश नायक की देखरेख में हैं। सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर उनकी तबीयत पर निगाह बनाए हुए हैं। एम्स अस्पताल के सीनियर डॉक्टर के मुताबिक, “पूर्व पीएम हमारी निगरानी में हैं और फिलहाल हमारा परीक्षण जारी है।”
मनमोहन सिंह के अस्पताल में भर्ती होने की खबर के थोड़ी ही देर बाद भारत में ट्विटर पर #ManmohanSingh पहले नंबर पर ट्रेंड करने लगा, जबकि तीसरे नंबर पर #AIIMS ट्रेंड हो गया था। इसी दौरान सोशल मीडिया फैंस, फॉलोअर्स और अन्य लोग पूर्व पीएम के जल्द से जल्द ठीक होने और सलामती की दुआ करने लगे।