दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब हेमंत स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने बिना टेंडर के पीपीई किट का ठेका अपनी पत्नी को दे दिया था। उन्होंने सवाल किया कि अब भाजपा बताए कि ऐसे मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई कब करेगी?
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनीष सिसोदिया ने एक वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि असम के मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में भ्रष्टाचार किया है। मामला 2020 का है, हेमंत बिस्वा सरमा उस दौरान स्वास्थ्य मंत्री थे। सिसोदिया ने कहा कि उस समय पीपीई किट खरीदने के ठेके उन्होंने अपने बेटे के बिजनेस पार्टनर और पत्नी को दिए। उन्होंने सवाल किया कि अब बीजेपी बताए कि ऐसे मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई कब करेगी? क्या भारतीय जनता पार्टी उन्हें जेल में डालेगी?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि BJP अपने नेताओं की करतूत देखें, समझ जाएंगे भ्रष्टाचार क्या होता? उन्होंने कहा कि स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक बनवाना भ्रष्टाचार नहीं होता। अगर कोई मंत्री अपने बेटे-पत्नी और उनके पार्टनर्स को सरकारी टेंडर दे तो वो भारत के कानून में भ्रष्टाचार होता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हेमंत स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने बिना टेंडर के पीपीई किट का ठेका अपनी पत्नी को दे दिया था। सिसोदिया ने आगे कहा कि मार्केट में किट की कीमत लगभग 600 रूपये थी, लेकिन बिस्वा ने अपनी पत्नी की कंपनी को 990 रुपए रेट के हिसाब से ठेका दिया था।
मानहानि का केस: दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री के इन आरोपों के बाद हेमंत बिस्वा सरमा और मनीष सिसोदिया के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ गयी और दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे। वहीं, हेमंत बिस्वा सरमा ने भी ट्वीट कर जवाब दिया, “मेरी पत्नी ने लोगों की जान बचाने के लिए सरकार को लगभग 1500 पीपीई किट मुफ्त दिए थे। एक बार मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से असम के एक कोविड पीड़ित का शव लेने के लिए 7 दिनों तक इंतजार करना पड़ा। मैं आपके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करूंगा।”
पीपीई किट की आपूर्ति में अनियमितता के आरोपों पर जवाब देते हुए असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पीपीई किट सरकार को गिफ्ट में दी गई थीं और उनकी पत्नी की कंपनी ने इसके लिए कोई बिल नहीं बनाया था।
मनीष सिसोदिया के आरोपों का जवाब देते हुए असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, “COVID महामारी के दौरान, असम के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा बार-बार मनीष सिसोदिया से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे ताकि एक कोविड पीड़ित असम निवासी की डेड बॉडी को रिलीज करने में मदद की जा सके। पर 7 दिनों तक उधर से कोई जवाब नहीं आया।
पत्नी ने दिया स्पष्टीकरण: हेमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकू सरमा ने भी सिसोदिया के आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए ट्वीट किया, “महामारी के पहले सप्ताह में, असम के पास एक भी पीपीई किट उपलब्ध नहीं थी। जिसके बाद मैंने अपने एक परिचित की मदद से लगभग 1500 पीपीई किट एनएचएम को वितरित की।” उन्होंने कहा, “मैंने इसके लिए एक पैसा भी नहीं लिया।”