तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से उनके ‘सिल्वर ओक’ बंगले में मुलाकात की। बैठक करीब एक घंटे चली। इस दौरान ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की बात कही। एक ओर बनर्जी ने टिप्पणी की कि “अब संप्रग जैसा कुछ नहीं है” और ‘ज्यादातर समय’ विदेश में रह कर कोई कुछ भी हासिल नहीं कर सकता है, वहीं, पवार ने कहा कि वर्तमान में नेतृत्व कोई मुद्दा नहीं है और भाजपा के खिलाफ लड़ाई में समान विचार रखने वाली सभी पार्टियों का स्वागत है।

इस मुलाकात पर शिवसेना सांसद ने तीखी प्रतिक्रिया दी, कहा कि “अगले लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया जाना चाहिए।” कहा कि “मैं चाहता हूं कि वह पीएम बनें।” भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इस मुलाकात को एक “शो” बताया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरह की एक के बाद एक राष्ट्रीय नेताओं से ममता बनर्जी मुलाकात कर रही हैं, उससे यह साफ झलकता है कि वह अगले लोकसभा चुनाव में खुद को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती हैं।

सिविल सोसायटी से मिलीं ममता बनर्जी
इससे पहले ‘सिविल सोसायटी’ के सदस्यों के साथ बातचीत में बनर्जी ने दावा किया कि विपक्ष को दिशा दिखाने के लिए सिविल सोसायटी के प्रतिष्ठित लोगों की एक सलाहकार समिति गठित करने की सलाह उन्होंने कांग्रेस को दी थी, लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ी। यहां सिविल सोसायटी के लोगों के साथ बातचीत में बनर्जी ने कहा कि अगर सभी क्षेत्रीय पार्टियां साथ आ गईं तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना आसान होगा।

उन्होंने कहा, “हम कहना चाहते हैं, भाजपा हटाओ, देश बचाओ।” बनर्जी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के संबंध में आयी दूरी की पृष्ठभूमि में बनर्जी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेताओं से मिलने मुंबई की तीन दिवसीय यात्रा पर आयीं हैं।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में इस साल बनर्जी की पार्टी को मिली जीत के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हाल ही में मेघालय में कांग्रेस के 17 विधायकों में से 12 तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जिससे वह राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई। यह पूछने पर कि क्या वह भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करेंगी, बनर्जी ने कहा कि वह “जमीन से जुड़ी कार्यकर्ता हैं” और ऐसी ही रहना चाहती हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा, “राजनीति में निरंतर प्रयास आवश्यक है। आप हमेशा विदेश में नहीं रह सकते।” उन्होंने कहा, “मैंने कांग्रेस को सलाह दी थी कि विपक्ष को दिशा दिखाने के लिए सिविल सोसायटी के प्रतिष्ठित लोगों की एक सलाहकार समिति गठित की जाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ।”