पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार (17-12-2020) को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले बुधवार को टीएमसी में अच्छी खासी पकड़ रखने वाले शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं। टीएमसी में मचे उथल-पुथल के विषय पर Republic TV पर चर्चा के दौरान राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि ‘साल 2013 में टीएमसी को लेकर बंगाल में जो उत्सुकता थी वो अब बिल्कुल नहीं है। एक मुकुल रॉय के छोड़ने के बाद 2019 में 18 सीट बीजेपी को मिल गई…तो अब शुभेंदु अधिकारी के आने के बाद क्या हो सकता है आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं…क्योंकि टीएमसी कैडर बेस पार्टी नहीं है..वो इन क्षेत्रियों नेताओं के दम पर है…इनके जाने से एक बहुत बड़ा असर पड़ेगा…मुकुल रॉय के जाने से 2019 में 40 परसेंट वोट शेयर बीजेपी को गया वो यह लोग समझ नहीं पाए..इसकी वजह से लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है..शुभेंदु अधिकारी के जाने से TMC को हर्जाना भुगतना पड़ेगा’।
शो में मौजूद टीएमसी समर्थक नेता ने बीच में ही राजनीतिक विश्लेषक को टोकते हुए कहा कि ‘सुनिए ममता बनर्जी और तृणमूल अब कोई छोटा पार्टी नहीं हैं…वो वट वृक्ष हो गये हैं…उसके अंदर से 1-2 पत्ता गिर जाएगा तो इससे वट वृक्ष को कुछ नहीं होगा…आप पहले जानकारी ले लीजिए और ममता बनर्जी के बारे में जान लीजिए…एक लीडर सीएम बनने के लिए भाजपा की ओर जाएगा तो उसका ममता बनर्जी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’ शुभेंदु अधिकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता शिशिर अधिकारी 1982 में कांथी दक्षिण से कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन बाद में वे तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक बन गए।
शुभेंदु अधिकारी 2009 से ही कांथी सीट से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की पार्टी में बगावत तेज होती जा रही है। शुभेंदु अधिकारी के बाद टीएमसी विधायक जितेन्द्र तिवारी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
शुभेंदु अधिकारी टीएमसी छोड़ने पर ममता को बहुत बड़ा हर्जाना भुगतना पड़ेगा: राजनीतिक विश्लेषक पथिकृत पायने
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— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) December 17, 2020
बता दें कि कुछ ही समय पहले उन्होंने आसनसोल नगर निगम के बोर्ड आफ चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दिया था। जितेन्द्र तिवारी फिलहाल पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इस्तीफा देते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि कोलकाता में खूब सारा फंड है लेकिन आसनसोल के विकास के लिए फंड नहीं मिलता।