Maharashtra Polls: चुनाव के दौरान नेताओं का पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थामना आम बात है। लेकिन महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में शायद एक नया चलन देखने को मिला है। यहां टिकट पाने के लिए पांच बीजेपी नेताओं ने महायुति के दूसरे सहयोगियों का दामन थाम लिया है, जबकि गठबंधन के सीट बंटवारे के समझौते की पवित्रता बरकरार रखी गई है।

ऐसे बदलावों के विश्लेषण से पता चलता है कि भाजपा के सहयोगी दलों में शामिल होने वाले इन सभी दलबदलुओं को 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए टिकट आवंटित किए गए हैं। ये उम्मीदवार या तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना या फिर अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए हैं।

इस घटनाक्रम को मौजूदा गठबंधन के भीतर एक “आंतरिक व्यवस्था” के रूप में देखा जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक साझेदार को आवंटित सीटों की संख्या का उल्लंघन किए बिना सबसे मजबूत उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए।

पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के पुत्र भाजपा के नीलेश राणे इस सप्ताह की शुरुआत में शिंदे सेना में शामिल हो गए और कुडाल-सावंतवाड़ी विधानसभा सीट से इसके टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। यह सीट शिवसेना को आवंटित की गई थी।

2019 में भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के पूर्व सांसद राणे का मुकाबला उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) के मौजूदा विधायक वैभव नाइक से होगा, जो राणे परिवार के कट्टर विरोधी हैं। शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का एक घटक है।

चार अन्य भाजपा नेता एनसीपी में शामिल हो गए हैं और अपनी आवंटित सीटों से चुनाव लड़ेंगे। शुक्रवार को सांगली से दो भाजपा नेता पूर्व सांसद संजयकाका पाटिल और जिला भाजपा अध्यक्ष निशिकांत भोसले पाटिल मुंबई में पार्टी प्रमुख अजित पवार और राज्य पार्टी अध्यक्ष सुनील तटकरे की मौजूदगी में एनसीपी में शामिल हो गए।

उनके शामिल होने के तुरंत बाद, एनसीपी ने उन्हें पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया – इस्लामपुर विधानसभा सीट से निशिकांत और तासगांव निर्वाचन क्षेत्र से संजयकाका। संजय काका शरद पवार की पार्टी एनसीपी (सपा) के रोहित पाटिल के खिलाफ मैदान में हैं। रोहित एनसीपी के दिवंगत नेता आरआर पाटिल के बेटे हैं और पहली बार चुनावी मैदान में हैं। निशिकांत का मुकाबला एनसीपी (सपा) के मौजूदा विधायक और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल से है।

एनसीपी में शामिल होने के बाद निशिकांत ने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर भाजपा छोड़ी है। निशिकांत ने कहा, “मुझे भाजपा से एनसीपी में जाना पड़ा क्योंकि इस्लामपुर विधानसभा सीट एनसीपी के पास चली गई। मैं एनसीपी के टिकट पर इस्लामपुर सीट से चुनाव जीतूंगा।” निशिकांत ने 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय के तौर पर इस सीट से चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहे थे।

शुक्रवार को नांदेड़ जिले के भाजपा नेता प्रतापराव पाटिल चिखलीकर भी राकांपा में शामिल हो गए और लोहा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। नांदेड़ के पूर्व सांसद लोहा से दो बार विधायक रह चुके हैं। बुधवार को भाजपा के राज बडोले, जो राज्य के पूर्व मंत्री हैं, वो राकांपा में शामिल हो गए। वह अर्जुनी-मोरगांव विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, जिसका उन्होंने दो बार प्रतिनिधित्व किया है, लेकिन 2019 के चुनावों में हार गए।

(वल्लभ ओजारकर की रिपोर्ट)