Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक ऐलान हो चुका है। मुख्य लड़ाई एनडीए के तहत Mahayuti और MVA के बीच होगी। महायुति में जहां शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार गुट की एनसीपी है, तो दूसरी ओऱ एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और शरद पवार गुट की एनसीपी है, लेकिन सीएम उम्मीदवारी को लेकर एमवीए में असहजता देखने को मिल रही है।

दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही कांग्रेस को MVA में निशाे पर लिया जा रहा है। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना की तरफ से संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस को उसकी कमजोरियां गिना रहे हैं, तो दूसरी ओर मुखपत्र सामना के जरिए उद्धव ठाकरे को गठबंधन का सीएम उम्मीदवार घोषित करने और गठबंधन में ज्यादा सीटों को लेकर दबाव बना रहे हैं।

शरद पवार ने सीट शेयरिंग को लेकर क्या कहा?

दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है। सीट बंटवारे से यह तय हो जाएगा कि किस गठबंधन में कौन सी पार्टी छोटे-बड़े भाई का किरदार निभाएगी।

इस बीच सीएम उम्मीदवारी को लेकर एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा है कि 288 सीटों में से 200 सीटों का बंटवारा हो सकता है। बाकी सीटों के लिए बैठक में फैसला ले लिया जाएगा, जिसका निर्णय जल्द ही सार्वजनिक भी किया जाएगा।

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शिवसेना द्वारा मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग को लेकर एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि हमारे लिए मामला खत्म हो चुका है. जब हम तीनों की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तभी यह विषय बना। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैं और उद्धव ठाकरे मौजूद थे। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए कई नेता मैदान में हैं।

नतीजों के बाद करेंगे चर्चा

शरद पवार ने कहा है कि मुख्यमंत्री के मुद्दे पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। शरद पवार ने कहा है कि नतीजे घोषित हो जाएं तो उसके बाद सीएम उम्मीदवारी पर फैसला लिया जाएगा।

शरद पवार का यह बयान उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के लिए संकेत माना जा रहा है कि वे अभी MVA के सीएम उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा करने के पक्ष में नहीं हैं।

बता दें कि पिछले कुछ महीनों में कई बार दिल्ली में शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे से लेकर आदित्य ठाकरे और संजय राउत की कांग्रेस हाई कमान के नेताओं से बात हुई है। इस दौरान सबसे बड़ा मुद्दा यही रहा कि उद्धव को सीएम फेस बनाया जाए लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पत्ते नहीं खोले।

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कांग्रेस की शरद पावर ने आसान कर दी मुश्किलें

कांग्रेस महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में वह खुद सीएम की कुर्सी पर नजर गड़ाए हुए हैं लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी को राज्य में कुछ बैकफुट पर धकेला है जिसके चलते शिवसेना यूबीटी आक्रामक दिख रही है।

शरद पवार ने कांग्रेस की मुश्किल आसान कर दी है। कांग्रेस के नेता खुलकर उद्धव की दावेदारी को लेकर कुछ बी बोलने से परहेज कर रहे थे और शरद पवार ने उनका काम आसान कर दिया।

कांग्रेस और एनसीपी में नैचुरल अलायंस है और शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे को लेकर दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं में निचले स्तर पर कोई बहुत ज्यादा सकारात्मकता नहीं है।

ऐसे में हरियाणा चुनाव के बाद बैकफुट पर गई कांग्रेस के लिए शरद पवार ने सीएम उम्मीदवारी की बात टाल कर गेंद उद्धव ठाकरे के पाले में डाल दी है।

उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किल टास्क

ऐसे में अब उद्धव के मन में यह चुनौती होगी कि उनके पास सीट शेयरिंग में ज्यादा संख्या हो और अगर गठबंधन की चुनाव में जीत भी होती है, तो सबसे बड़ा विनिंग सीट का शेयर उनका हो। तभी वे सीएम पद की दावेदारी पर दावा ठोक सकते हैं। शिवसेना का बीजेपी का साथ गठबंधन तोड़ने का मुद्दा ही सीएम की सीट थी, और अगर अब उन्हें सीएम पद नहीं मिलता है, तो ये उनके लिए 5 साल की बीजेपी विरोधी राजनीति के लिए सबसे बड़ा झटका होगा। ऐसे में अब यह देखना होगा कि उद्धव ठाकरे का अलग कदम क्या होगा…