Maharashtra Politics: महराष्ट्र विधानसभा चुनाव की आहट के बीच एक तरफ जहां सियासी गर्मी बढ़ी हुई है तो दूसरी ओर NCP और उसके चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। NCP के संस्थापक शरद पवार ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोक दिया और याचिका लगाई कि सुप्रीम कोर्ट अजित पवार को दूसरे चुनाव चिन्ह के लिए अप्लाई करने के लिए आदेश दे।
दरअसल, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने अजित पवार गुट को ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट इस मामले की 15 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। शरद पवार गुट की तरफ से याचिका में कहा गया कि लोकसभा चुनाव में घड़ी के इस्तेमाल के चलते पार्टी के वोटर्स में कन्फ्यूजन की स्थिति थी। इसलिए अदालत अजित पवार गुट को नया सिंबल देने के लिए चुनाव आयोग को भी आदेश दिया जाए।
महायुति सरकार के खिलाफ ‘हल्ला बोल’
बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले इससे पहले शरद पवार गुट समेत पूरा महाविकास अघाड़ी महायुति सरकार के खिलाफ हमलावर है और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने बुधवार को ही सरकार के खिलाफ एक आरोपपत्र पेश किया। इसमें राज्य से उद्योगों के पलायन और कानून-व्यवस्था की खराबी पर सरकार को लेकर सवाल उठाए गए।
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शरद पवार गुट ने महाराष्ट्र की आर्थिक गिरावट, उद्योगों के पलायन और महिला सुरक्षा सहित 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अभियान शुरू किया। लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने मंत्रालय के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा तक मार्च किया।
अजित पवार की बढ़ेंगी मुश्किलें?
इस दौरान शरद पवार के विश्वसनीय नेता जयंत पाटिल ने कहा कि हम पूरे राज्य में ‘हक्क मागतोय महाराष्ट्र’ (हक मांग रहा महाराष्ट्र) अभियान शुरू कर रहे हैं। हम महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करने के लिए एकजुट हैं। विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार के खिलाफ हमलों के जरिए शरद पवार, अजित पवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में हैं।
अजित पवार को भले ही चुनाव आयोग ने पार्टी का प्रमुख बताते हुए चुनाव चिन्ह दे दिया हो लेकिन अहम बात यह भी है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अजित पवार को झटका ही लगा था और वे गठबंधन के तहत चार सीटों पर चुनाव लड़कर महज एक सीट ही एनडीए के खाते में जोड़ने में कामयाब रहे थे। इसके विपरीत बीजेपी और आरएसएस में अंदरखाने ये भी आरोप लगाए जाते रहे कि अजित पवार के एनडीए में आने से गठबंधन को महाराष्ट्र में ज्यादा नुकसान हुआ।
गौरतलब है कि जल्द ही महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस हो सकती है, जिसके चलते एनसीपी में चुनाव चिन्ह का यह विवाद अजित पवार और महायुति सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।