Maharashtra Election Results: इस साल की शुरुआत में राज्य में लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद विधानसभा चुनावों में भारी जीत के बाद महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र पर कब्जा जमा लिया है। अभी तक के नए आंकड़ों से पता चलता है कि महायुति 236 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी केवल 48 सीटों पर आगे है, जबकि अन्य चार सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।
इस ऐतिहासिक जीत के पीछे नेताओं का एक ऐसा गुट था जिनकी दूरदर्शिता, रणनीति और अथक प्रयासों ने महायुति को विजय के शिखर पर पहुंचाया। आइए ऐसे नेताओं से आपका परिचय कराते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PRIME MINISTER NARENDRA MODI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे आगे रहकर नेतृत्व किया। जिनकी लोकप्रियता और अथक प्रचार अभियान ने गठबंधन को स्पष्ट बढ़त दिलाई। विकास, कल्याणकारी योजनाओं पर पीएम मोदी का ध्यान और मतदाताओं से जुड़ने की उनकी क्षमता ने इस व्यापक सफलता की नींव रखी।
अमित शाह (AMIT SHAH)
भाजपा के चुनाव रणनीतिकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी सटीकता के साथ गठबंधन के अभियान की रूपरेखा तैयार की। चुनावी गतिशीलता की शाह की गहरी समझ और पूरे महाराष्ट्र में उनकी सक्रिय भागीदारी ने सुनिश्चित किया कि महायुति का संदेश हर कोने तक पहुंचे।
जेपी नड्डा (JP NADDA)
अमित शाह की कोशिशों को भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने आगे बढ़ाया। जिनके पर्दे के पीछे के समन्वय और अनुशासन ने मशीनरी को निर्बाध रूप से चालू रखा।
देवेन्द्र फडणवीस (DEVENDRA FADNAVIS)
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गठबंधन की नीतियों और आकांक्षाओं का चेहरा बनकर उभरे। उन्होंने अपनी तीखी बयानबाजी और विकास संबंधी दृष्टिकोण से अभियान को आगे बढ़ाया। शहरी और ग्रामीण महाराष्ट्र में समर्थन जुटाने की फडणवीस की क्षमता ने उन्हें गठबंधन के पुनरुत्थान के लिए अपरिहार्य बना दिया।
एकनाथ शिंदे (EKNATH SHINDE)
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उतने ही महत्वपूर्ण रहे, जिन्होंने न केवल उद्धव ठाकरे के खिलाफ लड़ाई जीती, बल्कि शिवसेना के पारंपरिक मतदाता आधार पर अपनी पकड़ भी मजबूत की। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे दोनों ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों नागपुर दक्षिण पश्चिम और कोपरी-पचपाखड़ी से एतिहासिक जीत दर्ज की।
नितिन गडकरी (NITIN GADKARI)
विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में जहां महायुति को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का प्रभाव गेम-चेंजर साबित हुआ। जमीनी स्तर पर उनकी पहुंच और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान ने गठबंधन के पक्ष में माहौल बदल दिया। विदर्भ में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस के राज्य प्रमुख नाना पटोले जैसे प्रमुख भाजपा नेता हैं। महायुति विदर्भ की 62 विधानसभा सीटों में से 40 से अधिक सीटों पर आगे है, जहां बड़े और छोटे दोनों तरह के किसानों का एक बड़ा हिस्सा रहता है।
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भूपेन्द्र यादव (BHUEPNDRA YADAV)
इस बीच, महाराष्ट्र के लिए भाजपा के प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने उम्मीदवारों के चयन और प्रचार अभियान को सुव्यवस्थित करने के लिए अथक परिश्रम किया, जिससे प्रमुख चुनावी क्षेत्रों में महायुति का प्रभुत्व सुनिश्चित हुआ।
अजित पवार (AJIT PAWAR)
बारामती में अजित पवार की भूमिका गठबंधन के लिए एक मास्टरस्ट्रोक थी। अपने चाचा शरद पवार के साथ लंबे समय से चले आ रहे पारिवारिक विवाद को निर्णायक रूप से सुलझाकर अजित ने न केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक प्रभावशाली बढ़त हासिल की, बल्कि असली एनसीपी पर बहस को भी लगभग बंद कर दिया। पिछले साल जुलाई में अजित पवार एनसीपी के अधिकतर विधायकों को लेकर चले गए और पिछले साल भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए। तब से, वह ‘असली’ एनसीपी पर नियंत्रण को लेकर शरद पवार के साथ लड़ाई में उलझे हुए हैं।
आशीष शेलार (ASHISH SHELAR)
मुंबई जो अपने जटिल राजनीतिक परिदृश्य के लिए जाना जाता है। उसमें आशीष शेलार द्वारा गठबंधन के शहरी मतदाता आधार को मजबूत करने के प्रयास महत्वपूर्ण साबित हुए। वह बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार चुनाव जीता।
चंद्रशेखर बावनकुले (CHANDRASHEKHAR BAWANKULE)
हालांकि, चंद्रशेखर बावनकुले को कामठी में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा और वह कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश भोयल से पीछे चल रहे थे, लेकिन उन्होंने राज्य नेतृत्व को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और एक ऐसा एकीकृत मोर्चा बनाया, जो पूरे राज्य में मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हुआ।