एनसीपी में दो फाड़ के बाद पार्टी पर नियंत्रण के लिए जारी खींचतान के बीच शरद पवार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह ही पार्टी के अध्यक्ष हैं। वहीं, दूसरी ओर के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने दावा किया है कि पार्टी के 42 से 43 विधायकों ने अजित पवार के समर्थन में हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं। महाराष्ट्र में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधा।
उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी ने शिवसेना और एनसीपी को तोड़ दिया है और महाराष्ट्र को तोड़ना चाहती है। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र के खिलाफ है। उन्होंने पहले शिवसेना और अब एनसीपी को तोड़ दिया। वे महाराष्ट्र को तोड़ना चाहते हैं और ऐसा कोई नहीं चाहते जो उन्हें बाहर निकलने से रोक सके।
मैं ही NCP का अध्यक्ष- शरद पवार
वहीं, शरद पवार ने एनसीपी कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता के बाद कहा कि पार्टी का अध्यक्ष मैं ही हूं। उन्होंने कहा कि अजित पवार के बहुमत होने के दावे पर सच्चाई सामने आ जाएगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राकांपा से जुड़े संकट के बीच बृहस्पतिवार को शरद पवार से मुलाकात की।
अजित पवार द्वारा रिटायरमेंट को लेकर किये गये तंज के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में शरद पवार ने कहा, ‘‘रुकने का सवाल ही नहीं उठता। अब, मैं और अधिक प्रभावी ढंग से काम करूंगा, चाहे मैं 82 का हूं या 92 का, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’’ दरअसल, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को कहा था कि शरद पवार 82-83 के हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं? हर किसी की अपनी पारी होती है।
अजित पवार ने पेश की एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावेदारी
वहीं, दूसरी ओर अजित पवार ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि एनसीपी के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बहुमत के साथ-साथ विभिन्न संगठनात्मक पदों पर काम करने वाले सदस्यों के भारी समर्थन से अजित पवार को 30 जून, 2023 को NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। बयान में कहा गया है कि अजित ने निर्वाचन आयोग के समक्ष एक याचिका भी दायर की है जिसमें कहा गया है कि वह मूल एनसीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें दिया जाए।
किसी को भी पार्टी की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं- अजित पवार
मूल एनसीपी के प्रतिनिधित्व को लेकर बयान में कहा गया है, ‘‘यह निर्वाचन आयोग के विशेष अधिकार क्षेत्र में है और इसलिए जब तक इस संबंध में आयोग कोई फैसला नहीं ले लेता, पार्टी के किसी भी व्यक्ति के पास राष्ट्रीय कार्यकारिणी/राष्ट्रीय कार्यसमिति/राष्ट्रीय पदाधिकारियों/राज्य पार्टी अध्यक्षों की किसी भी बैठक को बुलाने का कोई अधिकार नहीं है।’’ बयान में कहा गया है कि आज एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी/राष्ट्रीय कार्यसमिति/राष्ट्रीय पदाधिकारियों/राज्य पार्टी अध्यक्षों की बैठक की कोई कानूनी वैधता नहीं है।’’
वहीं, शरद पवार ने कार्यसमिति की बैठक की कानूनी वैधता पर अजित गुट द्वारा उठाए गए सवालों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कार्यसमिति की यह बैठक संविधान के मुताबिक हुई है। अगर किसी ने कुछ कहा है तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है या इसका कोई मतलब नहीं है।