मध्य प्रदेश में सोमवार देर रात सियासत और गरमा गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीब 20 विधायकों ने भोपाल में बैठक के बाद इस्तीफा सौंप दिया। सीएम ने उनके इस्तीफे स्वीकार भी कर लिए।

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, सभी 16 कबीना मंत्रियों, जो कि कमलनाथ के साथ बैठक में मौजूद थे उन्होंने इस्तीफे सौंपे। राजधानी भोपाल में हुई इस बैठक में 16 कबीना मंत्री थी। हालांकि, कांग्रेस के छह मंत्री बेंगलुरू में है। उन्हें लेकर कमलनाथ समर्थकों का दावा है कि वे कांग्रेस में वापस लौट आएंगे।

इससे कुछ देर पहले, सीएम कमलनाथ ने कहा था- माफिया की मदद से जो सरकार को अस्थिर बनाना चाहते हैं, उन्हें वह सफल नहीं होने देंगे। मेरी सबसे बड़ी ताकत विश्वास और जनता का प्यार है। मैं किसी को भी सरकार को अस्थिर नहीं होने दूंगा।

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बकौल सीएम, “मैंने अपना पूरा जीवन जन सेवा को समर्पित किया है, पर BJP ने मेरी सरकार अस्थिर कर के अनैतिक तरीका अपनाया है।”

इसी बीच, कांग्रेसी नेता पीसी शर्मा ने पत्रकारों को बताया- बैठक में मौजूद सभी मंत्रियों ने सीएम को इस्तीफे सौंप दिए हैं। हमने गुजारिश की है कि राज्य की कैबिनेट का फिर से गठन हो, ताकि BJP द्वारा पैदा की गई स्थिति का मुकाबला किया जा सके। सरकार बची हुई है, पूरे पांच साल चलेगी।

उधर, दिल्ली में कांग्रेसी नेता राहुल गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने आनन-फानन उनके आवास 10 जनपथ पहुंचे। वहीं, कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मसले को लेकर मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की बैठक होगी।

बता दें कि कमलनाथ ने इस पूरे घटनाक्रम से ऐन पहले अपना दिल्ली दौरा रद्द किया था, जिसके बाद वह आनन-फानन भोपाल पहुंचे। और, म.प्र की राजधानी में रात करीब 10 बजे उन्होंने अर्जेंट कैबिनेट बैठक बुलाई।