Madhya Pradesh KamalNath Government: दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों को पैसे से खरीदने की कोशिश कर रही है। सिंह के आरोपों को सही बताते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि वे “सच कह रहे थे”। हालांकि, उन्होंने अपनी सरकार की स्थिरता पर विश्वास व्यक्त जताया और कहा कि सरकार कोई खतरा नहीं है।

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस विधायकों को 25 करोड़ से 35 करोड़ रुपये के बीच की राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा है कि 5 करोड़ रुपये अभी और शेष राशि राज्यसभा चुनाव के बाद और सरकार गिराने के लिए अविश्वास प्रस्ताव के बाद किस्तों में देने की बात कही गई है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा, “मैं आपको बताना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश कर्नाटक नहीं है। यहां का कोई कांग्रेस विधायक बिकाऊ नहीं है।”

कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह ने आरोप लगाया है कि उन्हें एक महीने पहले भिंड में एक भाजपा नेता द्वारा 25 करोड़ रुपये और ‘मंत्री पद’ की पेशकश की गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इंदौर के दो आरएसएस नेताओं ने उनसे संपर्क किया था।

खतरे में ‘कमल’ सरकार? चार कांग्रेसी और चार निर्दलीय विधायकों ने गुरुग्राम के होटल में डाला डेरा

230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक और भाजपा के 107 हैं। चार निर्दलीय, एक सपा और दो बसपा विधायकों सहित सात सदस्यों ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया है। भाजपा के एक विधायक और कांग्रेस के एक विधायक की मौत के बाद दो सीटें खाली हो गई है।

सिंह ने सोमवार को दिल्ली में दावा किया कि भाजपा कांग्रेस के विधायकों को बड़ी रकम देकर लुभाने की कोशिश कर रही है। इस आरोप का भाजपा नेताओं ने खंडन करते हुए कहा कि पूर्व सीएम खबरों में बने रहने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

मंगलवार को अपने आरोपों को दोहराते हुए, सिंह ने ट्वीट किया, “भाजपा ने मप्र के कांग्रेस बसपा समाजवादी विधायकों को दिल्ली लाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। बसपा की विधायक श्रीमती राम बाई को क्या भाजपा के पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह जी कल चार्टर फ्लाइट में भोपाल से दिल्ली नहीं लाये? शिवराज जी कुछ कहना चाहेंगे? लेकिन हमें श्रीमती राम बाई पर पूरा भरोसा है वे कमल नाथ जी की प्रशंसक हैं और उनका समर्थन करती रहेंगी।”

सिंह के आरोपों का उल्लेख करते हुए कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि वह सच बोल रहे थे और कांग्रेस के विधायकों को उन पैसों को पैसे लेने के लिए कहे गए थे। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा, कांग्रेस विधायकों का खरीदने की कोशिश कर रही थी क्योंकि वह डर गई थी कि उसके 15 साल के शासन के दौरान “घोटाले” उजागर होंगे (यदि कांग्रेस सत्ता में बनी रही)।

तमाम आरोपों को खारिज करते हुए चौहान ने कहा कि सिंह झूठ बोलकर सनसनी फैलाने के लिए जाने जाते रहे हैं। चौहान ने कहा, “शायद उनका काम पूरा नहीं हुआ और वह कमलनाथ पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उसके दिमाग में क्या चलता है, यह कोई नहीं जानता। वह हमेशा कोई न कोई चाल चलते रहते हैं।”

विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने कहा कि सिंह ने विधायकों पर पैसे देने और लेने में शामिल होने का आरोप लगाकर उनका अपमान किया है उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में विधायकों के खरीद फरोख्त की परंपरा नहीं रही है। दिग्विजय सिंह को अपने आरोपों के लिए सबूत देना चाहिए और उन विधायकों के नाम सार्वजनिक करने चाहिए, जिनके साथ वे संपर्क में हैं।”