Coronavirus (COVID-19) के लक्षणों में अब गंध और स्वाद न महसूस होना भी गिना जाएगा। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दोनों को कोरोना लक्षणों की लिस्ट में ऐड कर लिया है।

दरअसल, केंद्र ने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों के काम के दस्तावेज में इन दोनों लक्षणों को जोड़ा है। “Clinical Management Protocol: COVID-19” में इससे पहले तक नौ अन्य लक्षण थे। इनमें बुखार, बलगम, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, डायरिया आदि शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दस्तावेज के जरिए कहा है कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति से कोरोना तभी फैलता है, जब कोई किसी के पास संपर्क में आता है। मुख्यतः रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स के जरिए। और, ये ड्रॉपलेट्स (थूंक की छोटी बूंदें) तब निकलती हैं, जब कोई व्यक्ति खांसता, छींकता या फिर बात करता है।

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दस्तावेज के मुताबिक, ये ड्रॉपलेट्स जमीन की सतह पर भी हो सकती हैं, जहां वायरस हो सकता है कुछ वक्त के लिए सक्रिय रहे। संक्रमण इसके अलावा तब भी फैल सकता है, जब कोई व्यक्ति संक्रमित सतह को छूने के बाद अपनी आंखों, नाक या फिर मुंह को छुए।

मंत्रालय का कहना है कि जो लोग 60 बरस या उससे अधिक उम्र के हैं, वे इस महामारी की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। जो लोग डायबिटीज, हायपरटेंशन और कार्डियक डिजीज (दिल के रोग) आदि से पहले से पीड़ित हैं, उन्हें भी इसके इंफेक्शन का अधिक खतरा है।

केंद्र ने इसके अलावा कहा है कि वे लोग कोरोना को लेकर कुछ ‘जांचपरक थेरेपी’ पर काम कर रहे हैं, जबकि पूरी दुनिया में अब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन पाई है। देखें, लिस्ट में कौन-कौन से हैं- कोरोना के लक्षणः

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‘संक्रमण के 45% केस बगैर लक्षण वाले’: कोरोना वायरस संक्रमण को ले कर हाल में हुए अध्ययनों की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि संक्रमण के करीब 45 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनमें लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई दिए और इस प्रकार का संक्रमण लोगों के शरीर को अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचा सकता है। अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च टॉन्सलेशनल इंस्टीट्यूट के एरिक टोपोल सहित कई वैज्ञानिकों ने नोवल कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मामलों के आंकडों की समीक्षा की।

‘अनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के कुल मरीजों में 40 से 45 प्रतिशत मरीज बिना किसी लक्षण वाले हो सकते हैं और संक्रमण फैलने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय है। टोपोल कहते हैं, ‘‘संक्रमण का इस तरह से फैलना इसे नियंत्रित करने के काम को और चुनौतीपूर्ण बना देता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी समीक्षा जांच की जरूरत को रेखांकित करती है। यह स्पष्ट है कि बिना लक्षण वाले संक्रमण की उच्च दर को देखते हुए हमें अपना दायरा बढ़ाने की जरूरत है अन्यथा वायरस हमें चकमा देता रहेगा।’’ (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)