पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने 2024 के चुनावों में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को लेकर बयान दिया है। उन्होने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होने कहा कि भाजपा से लड़ने के लिए विपक्ष के केंद्र में कांग्रेस को रखना जरूरी है लेकिन भाजपा विपक्ष में फूट डालकर ऐसा नहीं करने देना चाहती।
विपक्ष की एकजुटता को लेकर और क्या बोलीं महबूबा मुफ़्ती
पीडीपी प्रमुख ने विपक्षी एकजुटता को लेकर कहा “जब तक विपक्षी पार्टियां एक साथ नहीं आतीं, मुझे नहीं लगता कि बीजेपी के लिए कोई मजबूत विपक्ष होगा”, उन्होने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या वह ईडी, एनआइए और सीबीआई से हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं? वह क्यों चुप हैं? यह खामोशी किस लिए है?
महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि इतने बड़े जनादेश के साथ आई भाजपा सरकार चमत्कार कर सकती थी, लेकिन दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि उनके पास देश को लेकर कोई विज़न ही नहीं है। उन्होने भाजपा सरकार को लेकर आगे कहा कि ऐसा लगता है वह (भाजपा) देश पर माफिया की तरह राज कर रहे हैं, जो अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
इस दौरान महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि मुसलमान भाजपा के निशाने पर हैं। जो भाजपा के निशाने पर होता है भाजपा उसके पीछे पड़ जाती है। उन्होने अपनी बातचीत के दौरान उन्होने हाथरस बलात्कार मामले और बिलकीस बानों मामले का भी जिक्र किया। उन्होने कहा कि इन दोनों मामलों में आरोपियों को आसानी से रिहाई मिल जाना इस सरकार पर सवाल खड़ा करता है। हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले कुछ दक्षिणपंथी नेताओं का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि वे इसे “भाजपा राष्ट्र” बनाने की कोशिश कर रहे हैं।