Lok Sabha Polls 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसी को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को नई दिल्ली में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की। बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा, “विपक्ष को एकजुट करने की एक प्रक्रिया शुरू हो गई है। हम सभी विपक्षी एकता के लिए काम करने के लिए साथ हैं।”

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘”देश और लोकतंत्र को बचाने और संविधान को सुरक्षित रखने के लिए अभिव्यक्ति की आजादी के लिए, युवाओं के रोजगार के लिए और मुद्रास्फीति और स्वायत्त निकायों के दुरुपयोग जैसे मुद्दों के लिए हम एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम एक-एक करके सभी से बात करेंगे। खड़गे ने कहा कि एनसीपी चीफ शरद पवार का भी ऐसा ही मानना है और वो भी ऐसा ही कहते हैं।

यह तो बस अभी शुरुआत है: शरद पवार

खड़गे ने यह भी कहा, “हम सभी खुश हैं कि शरद पवार सीधे मुंबई से यहां आए और हमारे साथ चर्चा की। विपक्षी एकता के लिए मैंने और राहुल गांधी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ बैठक की।” मुलाकात के बाद शरद पवार ने कहा कि यह तो बस अभी एक शुरुआत है। उन्होंने मीडिया से कहा, “अन्य महत्वपूर्ण विपक्षी दलों के साथ बातचीत की जाएगी, चाहे वह ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल या अन्य हों, ताकि उन्हें साथ लाया जा सके।

पवार की यह बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के डिप्टी तेजस्वी यादव द्वारा खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात के एक दिन बाद हुई है, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के एक साझा मंच पर आने की चर्चा की गई थी।

नीतीश कुमार के साथ बैठक के बाद माकपा महासचिव येचुरी ने कहा कि सीटों का एडजस्टमेंट राज्य स्तर पर किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि तीसरे मोर्चे की संभावना है। माकपा महासचिव ने कहा, “विपक्षी एकता के प्रयासों ने गति पकड़ी है। एक विपक्षी गठबंधन बनाया जाएगा और राज्य स्तर पर सीटों का समायोजन किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “केरल में कांग्रेस और हमारी पार्टी कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वहां लड़ाई में नहीं है।” उन्होंने आगे कहा था कि तीसरा मोर्चा जो बनने जा रहा है वह चुनाव के बाद बनेगा। येचुरी ने कहा, “भारत में चुनाव के बाद मोर्चे बनते हैं, जैसे 1996 में संयुक्त मोर्चा, 1998 में चुनाव के बाद एनडीए का गठन, 2004 में चुनाव के बाद यूपीए का गठन।”