कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व गुरुवार को लोकसभा चुनाव की तैयारियों का आकलन करने के लिए बैठक करेगा। विपक्ष के सांसदों का निलंबन, तीन राज्यों में पार्टी का ख़राब समेत तमाम आने वाली चुनौतियों पर कांग्रेस नेतृत्व मंथन करेगा। कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक से पहले सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं को संबोधित किया। बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने चुनौतियों को स्वीकार किया।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने की समीक्षा बैठक

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों को समझने के लिए एक समीक्षा बैठक की है। सोनिया गांधी ने कहा, “हम भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, फिर भी मुझे विश्वास है कि हमारी दृढ़ता हमें सफल बनाएगा। इस कठिन समय में हमारी विचारधारा और हमारे मूल्य हमारे मार्गदर्शक हैं। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारे नेताओं ने हमें आजादी दिलाने के लिए बड़े साहस और धैर्य के साथ दुर्गम बाधाओं से लड़ाई लड़ी थी।”

कांग्रेस पार्टी जब से तीन राज्यों में चुनाव हारी है, उसके बाद से उसका मनोबल गिरा हुआ है। इंडिया गठबंधन की बैठक से भी उनका मनोबल नहीं बढ़ा। कई सहयोगियों ने चुनावों में ख़राब प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। दरअसल तीन राज्यों में हार के बाद अब कांग्रेस को सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे के दौरान थोड़ी असहजता महसूस हो सकती है।

पार्टी की स्थिति का आकलन करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने पिछले एक महीने में कई राज्यों के नेतृत्व के साथ कई बैठकें की हैं। बुधवार पश्चिम बंगाल और ओडिशा इकाई के साथ बैठक की। कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों, गठबंधन और सीट बंटवारे और 28 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस पर नागपुर में होने वाली रैली पर चर्चा करेगी।

सोनिया गांधी ने कहा, “अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होंगे। एक पार्टी के रूप में और इंडिया गठबंधन के सदस्य के रूप में भी हमें अपना काम करना है।” सीडब्ल्यूसी में अन्य मुद्दों के अलावा सांसदों के निलंबन का भी मुद्दा होगा।

अपने भाषण में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “इस सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। इससे पहले कभी भी इतने सारे विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित नहीं किया गया था और वह भी केवल एक बिल्कुल उचित और वैध मांग उठाने के लिए। विपक्षी सदस्यों ने 13 दिसंबर की घटनाओं पर लोकसभा में गृह मंत्री द्वारा दिए जाने वाले एक बयान की मांग की थी। जिस अहंकार के साथ इसपर विचार किया गया, उसका वर्णन करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं।”

सोनिया ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

सोनिया ने कहा, “13 दिसंबर को जो हुआ वह अक्षम्य है और उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। प्रधानमंत्री को राष्ट्र को संबोधित करने और घटना पर अपने विचार व्यक्त करने में चार दिन लग गए और उन्होंने ऐसा संसद के बाहर किया। ऐसा करके उन्होंने सदन की गरिमा के प्रति अपनी उपेक्षा और हमारे देश के लोगों के प्रति अपनी उपेक्षा का स्पष्ट संकेत दिया। मैं यह कल्पना आप पर छोड़ती हूं कि अगर भाजपा आज विपक्ष में होती तो क्या प्रतिक्रिया देती।”