Lok Sabha Chunav 2024: गुजरात से लेकर राजस्थान, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की वोटिंग के दौरान बीजेपी को एक सवाल ने सबसे ज्यादा परेशान किया था कि पार्टी ने राजपूतों और क्षत्रिय समाज को तवज्जो नहीं दी। अब आखिरी तीन फेज की वोटिंग बची है और उन सीटों पर वोटिंग होनी है, जो कि ठाकुर या राजपूत वोट बैंक के लिहाज से बेहद अहम हैं। इस दौरान एक नया नरेटिव यह भी प्रचारित किया गया कि सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी कुर्सी भी छिन जाएगा।

सीएम योगी मूल रूप से क्षत्रिय समाज से आते हैं। ऐसे में यह नरेटिव तूल पकड़े, उससे पहले ही पार्टी ने आखिरी तीन फेज की वोटिंग को देखते हुए ठाकुर नेताओं को साधने के भरसक प्रयास किए, जिसके नतीजे अब सामने भी आ रहे हैं। पार्टी को कई बाहुबली नेताओं का समर्थन मिलता नजर आ रहा है, जो कि उसके लिए एक फील गुड फैक्टर माना जा रहा है।

धनंजय सिंह की पत्नी ने जॉइन की थी बीजेपी

हाल ही में जौनपुर के बाहुबली नेता धनंजय ने जेल से बाहर आने के बाद यह ऐलान किया था कि वह इस चुनाव में बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि पहले रंगदारी और किडनैपिंग के केस में जब धनंजय सिंह को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी, तो उस दौरान बीएसपी ने उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी को जौनपुर सीट से टिकट दिया था। वहीं जब धनंजय सिंह को जमानत मिली, तो उसके बाद से ही स्थिति बदलने लगी थी और हाल ही में धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला ने बीजेपी जॉइन कर ली थी।

श्रीकला के बीजेपी में आने के बाद पार्टी के सभी नेता आत्मविश्वास से भरे हुए हैं कि जौनपुर से बीजेपी कैंडिडेट कृपा शंकर सिंह एक बड़ी जीत दर्ज करेंगे। इसके जरिए ही पार्टी ने यह भी संकेत दिया है कि ठाकुर समाज के बीच बीजेपी से कोई नाराजगी नहीं है, जबकि पहले यह सवाल उठ रहे थे कि पार्टी ने पूर्वी यूपी में ठाकुर नेताओं को टिकट न देकर उनकी अनदेखी की है। ऐसे में पार्टी ने कैसरगंज से लेकर रायबरेली, मैनपुरी जैसे संसदीय क्षेत्रों में ठाकुर नेताओं को ही तवज्जो दी।

ठाकुर नेताओं को दी तवज्जो

दिलचस्प बात यह रही है कि पार्टी ने कैसरगंज से सीटिंग सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट महिला पहलवानों के विवाद के चलते काट तो दिया लेकिन उनके बेटे को टिकट देकर ठाकुर वोट बैंक को पहली की तरह ही साधने की कोशिश भी की, जिससे पार्टी को राजपूत वोट के लिहाज से कोई नुकसान न हो।

सूत्रों का कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी ठाकुर और राजपूत नेता सीधे या पर्दे के पीछे से बीजेपी का ही समर्थन करते नजर आ रहे हैं। इसमें गोंडा में बृजभूषण सिंह से लेकर वाराणसी से बृजेश सिंह, प्रतापगढ़ से रघुराज प्रताप सिंह यानी राजा भैया सभी बीजेपी के सपोर्ट में नजर आ रहे हैं।

सीएम योगी और बृजभूषण की खट-पट!

खास बात यह भी है कि बृजभूषण सिंह की सीएम योगी से टकराव की खबरें रहती हैं। ये दोनों ही नेता कभी एक साथ एक मंच पर नहीं दिखे हैं। हाल ही में एक बयान में बृजभूषण सिंह ने यह तक कहा था कि वह बुलडोजर एक्शन के पूरी तरह खिलाफ है। बता दें कि योगी सरकार ने कई अपराधियों के घर पर अवैध निर्माण का हवाला देकर बुलडोजर चलवाया था, जिसको लेकर उनकी यूपी में काफी तारीफ भी की जाती है, लेकिन बृजभूषण इसके खिलाफ रहे हैं।

वाराणसी के बाहुबली माने जाने वाले ब्रिजेश सिंह हमेशा ही बीजेपी और सीएम योगी के प्रति अपनी निष्ठा दिखाते रहे हैं। उनके खिलाफ हत्या समेत 35 मामले हैं। इनमें से अधिकांश में बरी होने के बाद वह अगस्त 2022 से जमानत पर बाहर हैं। उन्हें 2008 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

राजा भैया और सीए योगी के बीच नजदीकी

इसी तरह कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह जनसत्ता दल के जरिए सीधे तौर बीजेपी का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। वह सात बार कुंडा से विधायक रहे हैं। खास बात यह है कि 7 में से 6 बार वह निर्दलीय रहे हैं। माना जाता है कि उन्हें भी सीएम योगी का पूरा आशीर्वाद प्राप्त है।

2013 में जब राजा भैया तत्कालीन तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव की सपा सरकार में मंती थे, तो उन पर प्रतापगढ़ में डिप्टी एसपी जिया-उल-हक की हत्या का मामला दर्ज किया गया था, तब गोरखपुर से भाजपा सांसद आदित्यनाथ ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर कहा था कि राजा भैया को झूठे केस में फंसाया गया है।

इन सबके बीच धनंजय सिंह द्वारा खुलकर बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान बता रहा है कि पार्टी आखिरी तीन फेज की वोटिंग से पहले यूपी के ठाकुर वर्ग को साधने में कामयाब रही है। अब यह देखना अहम होगा कि आखिर यह समर्थन ईवीएम में वोटों के तौर पर कितना तब्दील होता है।