एक तरफ जहां कर्नाटक के बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक चल रही है। वहीं दूसरी ओर मंगलवार शाम को दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक भी होने वाली है। अपनी ताकत साबित करने की दोनों दलों की इस कोशिश के बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा?

गौरतलब है कि मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी की सजा पर गुजरात हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के कारण कांग्रेस नेता को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। ऐसे में अब यहसवाल खड़ा होता है कि 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी बनाम कौन होगा? सी-वोटर द्वारा किए गए एक सर्वे में इस सवाल का जवाब मांगा गया है, जिसके नतीजे हैरान कर देने वाले हैं।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राहुल गांधी

राहुल गांधी ने मोदी सरनेम केस से जुड़े मामले में राहत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और दलील दी है कि उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला उन्हें परेशान करने के लिए एक राजनीति से प्रेरित कदम है। गांधी को 2032 से पहले चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराने वाले मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई गई है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के अनुसार, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने पर और दो साल की जेल की सजा पाने वाला व्यक्ति अपनी सजा की अवधि के दौरान अयोग्य हो जाता है और अतिरिक्त 6 साल के लिए उसे चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होता है। विपक्षी गुट के लिए गांधी को प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश करने में कांग्रेस की असमर्थता पार्टी को काफी दुविधा में डाल रही है।

राहुल गांधी नहीं तो विपक्ष का पीएम चेहरा कौन?

इससे भी बुरी बात यह है कि उसे इस बात से भी समझौता करना पड़ सकता है कि राहुल गांधी निकट भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। यह ऐसे समय में है जब विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से एकजुट होकर मुकाबला करने की रणनीति पर मंथन कर रहा है। सर्वे के हिस्से के रूप में, सीवोटर ने लोगों से पूछा कि अगर राहुल गांधी नहीं तो वे विपक्ष के पीएम चेहरे के रूप में किसे देखना चाहेंगे। हालांकि, सर्वे के नतीजे से विपक्ष के पास जवाब से ज्यादा सवाल खड़े हो रहे हैं।

उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन में सबसे आगे रही हैं। हालांकि, जब उनकी अखिल भारतीय अपील की बात आती है, तो सर्वे में पाया गया कि राहुल गांधी की अनुपस्थिति में केवल 10 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने ममता को प्रधानमंत्री पद के संभावित दावेदार के रूप में देखा।

अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार को बराबर वोट

इसी तरह, अरविंद केजरीवाल जिनकी आम आदमी पार्टी तेजी से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के बाद सबसे बड़ी विपक्षी आवाज के रूप में उभर रही है, ममता से एक पायदान ऊपर हैं। 14 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने उन्हें दावेदार के रूप में राहुल गांधी की अनुपस्थिति में संभावित पीएम चेहरे के रूप में समर्थन दिया है। बिहार के सीएम और जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख को भी 14 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में देखा है। हालांकि, नीतीश खुद को शीर्ष पद के लिए सबसे आगे बता रहे हैं और कांग्रेस के साथ भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं।

प्रियंका गांधी को सर्वे में मिले सबसे ज्यादा वोट

कांग्रेस के लिए राहत की खबर राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के रूप में आई है, जो विपक्ष के पीएम चेहरे के रूप में शीर्ष पसंद के रूप में उभरी हैं। सीवोटर सर्वेक्षण के अनुसार, आश्चर्यजनक रूप से 33 प्रतिशत उत्तरदाता विपक्ष को ममता, केजरीवाल या नीतीश के बजाय प्रियंका को पीएम चेहरे के रूप में देखना पसंद करेंगे।

वहीं, दूसरी ओर बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे साफ कर दिया है कि कांग्रेस को प्रधानमंत्री पद में दिलचस्पी नहीं है। खड़गे ने कहा कि मैंने एमके स्टालिन के जन्मदिन पर चेन्नई में पहले ही कहा था कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है, इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए है।