लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल धीरे धीरे अपने प्रत्याशी घोषित कर रही हैं। राजनीतिक लिहाज से आज बिहार में कांग्रेस पार्टी को झटका लगा है क्योंकि कांग्रेस पार्टी अपने युवा नेता कन्हैया कुमार के लिए बेगुसराय सीट की पैरवी कर रही थी, लेकिन सीपीआई ने इस सीट के लिए अपना प्रत्याशी घोषित करके कन्हैया के इस सीट से चुनाव लड़ने के सपने को तोड़ दिया है। इसे कांग्रेस के लिए इंडिया गठबंधन के लिहाज से भी एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए बेगुसराय की सीट मांग रही थी लेकिन सीपीआई ने कांग्रेस पार्टी की मांग को नकार दिया है और इस सीट से अवधेश राय को अपना प्रत्याशी बनाया है।
बता दें कि पिछली बार इस सीट से कन्हैया कुमार सीपीआई के ही टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े थे और उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ ताल ठोकी थी। हालांकि उन्हें गिरिराज ने उन्हें आसानी से हरा दिया था। अब कन्हैया कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ने के प्रयास में थे।
BJP ने अभी तक नहीं घोषित किया है कोई भी प्रत्याशी
गौरतलब है कि बीजेपी ने अभी तक बिहार में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है लेकिन माना जा रहा है कि इस बार भी बेगूसराय से गिरिराज सिंह को ही टिकट मिल सकता है। हालांकि इस सीट से राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा भी कोशिश कर रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि दोनों में से इस सीट पर टिकट किसे मिलता है।
यहां किसमें कितना है दम?
बता दें कि इस सीट की घोषणा खुद सीपीआई महासचिव डी राजा ने पटना में की है। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय सचिव रामकृष्ण पांडा, राज्य सचिव रामनरेश पांडे और राज्य सचिव मंडल के सदस्य भी मौजूद रहे थे। अवधेश बेगूसराय की बछवाड़ा सीट से तीन बार विघायक रहे हैं और यहीं से बीजेपी विधायक सुरेंद्र मेहता को सीएम नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री बनाया गया है।
बेगूसराय की बात करें तो बीजेपी के पास यहां 2 विधानसभा सीटें हैं। इसके अलावा 2 सीपीआई, 2 सीटें आरजेडी और एक सीट जेडीयू के पास भी है। इस सीट के लिए 18 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा और वोटिंग 13 मई को होगी। देखना यह है कि इस बार इस सीट पर कैसा मुकाबला होता है।