Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में पीडीए गठबंधन बना है। राष्ट्रीय स्तर पर बने इंडिया गठबंधन के तहत, कांग्रेस चाहती थी कि इस गुट में मायवती की बीएसपी भी शामिल हो जाए, लेकिन ये हो न सका। बीएसपी के साथ जाने के लिए न तो अखिलेश ने हरी झंडी दी और न ही मायावती ने कांग्रेस की पहल पर दिलचस्पी दिखाई। अब जब बीएसपी के प्रत्याशियों की की लिस्ट सामने आई है, तो संकेत मिलने लगे हैं कि आखिर क्यों बीएसपी के साथ कांग्रेस गठबंधन करने को आतुर थी।

दरअसल, पूर्व सीएम मायावती ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से यूपी के लिए 16 प्रत्याशी घोषित किए हैं। इसमें सबसे ज्यादा ध्यान पार्टी द्वारा जारी की गई लिस्ट में मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या ने खींचा क्योंकि 16 में से 7 उम्मीदवार तो मुस्लिम ही हैं। अब यह माना जा रहा है कि ये 7 मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती बन सकते हैं, क्योंकि इंडिया गठबंधन के घटक दलों यानी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कोर वोटर्स की लिस्ट में मुस्लिम समुदाय प्रमुख है।

राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा यह भी कहा गया है कि मायावती इस लिस्ट के जरिए सीधा नुकसान पीडीए के घटक दलों को पहुंचाएंगी और उनका नुकसान बीजेपी के लिए फायदा साबित हो सकता है, जो कि बीजेपी की यूपी में सीटें बढ़ाने में भी अहम हो सकता है।

सपा कांग्रेस के लिए कैसे हैं बड़ी टेशन?

मायावती ने जिन सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें अमरोहा, सहारनपुर, मुरादाबाद, संभल रामपुर, आंवला और पीलीभीत हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने अमरोहा से दानिश अली, सहारनपुर से इमरान मसूद को टिकट दिया है। इसी तरह सपा ने संभल की सीट से पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियार्रहमान बर्क को सियासी मैदान में उतारा है। ऐसे में अगर बीएसपी द्वारा उतारे गए मुस्लिम उम्मीदवारों के चलते मुस्लिम वोट बंटता है, पीडीए के लिए मुश्किलें आ सकती हैं।

मुरादाबाद सीट की बात करें तो यहां बीएसपी ने इरफान सैफी को उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि खबरें ये हैं कि इस सीट से भी सपा किसी मुस्लिम प्रत्याशी को ही टिकट दे सकती है। रामपुर सीट की बात करें तो यहां बसपा ने जीशान खान को टिकट दिया है। वहीं आंवला सीट से आबिद अली लोकसभा के चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में इस बार सियासी तौर पर बीएसपी बड़ा वोट बैंक तितर-बितर करने में भूमिका निभा सकती है।

अखिलेश के पीडीए में लगेगी सेंध?

बता दें कि समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चनाव को लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। हालांकि पहले इसमें पश्चिम उत्तर प्रदेश की अहम पार्टी आरएलडी भी शामिल थी लेकिन बाद में उसने अखिलेश यादव को झटका देकर एनडीए का दामन थाम लिया था। सपा अब 62 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारने वाली है, जबकि कांग्रेस को 17 सीटें दी गई हैं। एक सीट सपा ने अपने कोटे से ही पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी को यूपी में भदोही की भी दी है।

दूसरी ओर बीएसपी ने इस बार अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और पार्टी लगातार अपने प्रत्याशी भी घोषित कर रही है।