लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे पर चर्चा के लिए महा विकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं ने मंगलवार को नई दिल्ली में बैठक की। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 23 सीटों पर उसके संभावित उम्मीदवारों की घोषणा की है जिन पर वह चुनाव लड़ना चाहती है। पार्टी ने कहा कि दिल्ली में होने वाली बैठक में हम अपनी बात रखेंगे।

शिवसेना (UBT) के प्रवक्ता संजय राउत ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमने 23 लोकसभा सीटों पर दावा किया है। हमारे पास सभी 23 सीटों के लिए उम्मीदवार हैं और हमने उन्हें हरी झंडी दे दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठक में हम 23 सीटों की अपनी मांग रखेंगे।

इन सांसदों को मैदान में उतार सकती है शिवसेना

राउत ने कहा कि सेना अपने पांच मौजूदा सांसदों को मैदान में उतार सकती है। वे हैं अरविंद सावंत (मुंबई दक्षिण), विनायक राउत (रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग), ओमराजे निंबालकर (उस्मानाबाद), संजय जाधव (परभणी) और राजन विचारे (ठाणे)। मुंबई उत्तर-पश्चिम के सांसद गजजन कीर्तिकर शिंदे सेना के 13वें दलबदलू थे। संभावना है कि ठाकरे सेना गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को मुंबई उत्तर-पश्चिम से मैदान में उतार सकती है। राउत ने कहा कि हमने उनसे चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है।”

उम्मीदवारों को दी हरी झंडी

संजय राउत ने कहा कि वे संभावित उम्मीदवारों के नाम नहीं बताना चाहते क्योंकि ऐसा करना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा, ”लेकिन हमें विश्वास है कि हमने जिन्हें हरी झंडी दी है वे मजबूत उम्मीदवार हैं जो प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने में सक्षम हैं।” शिवसेना (यूबीटी) का दावा है कि उसने अपने सभी संभावित उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी है, लेकिन उसे रिप्लेस्मेंट मिलना मुश्किल हो रहा है। हालांकि, पार्टी ने संभावित उम्मीदवारों की अपनी सूची खुले तौर पर घोषित नहीं की है। मावल लोकसभा सीट पर वह संजोग वाघेरे को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है, जो हाल ही में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए हैं।

शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि हालांकि वाघेरे पार्टी में शामिल हो गए हैं और संभावित उम्मीदवार हैं लेकिन पार्टी को फीडबैक मिला है कि वह आक्रामक नेता नहीं हैं। सूत्रों ने कहा कि हम अन्य नेताओं पर भी विचार कर रहे हैं जो पार्टी में शामिल हो सकते हैं। मावल क्षेत्र में हमारे पास कोई मजबूत नेता नहीं है।” पार्टी पहले अपने पूर्व नगरसेवक राहुल कलाटे को मावल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए देख रही थी, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है और इसके बजाय वह शिंदे सेना के संपर्क में हैं।

2019 में जीती सीटों को भी छोड़ने का फैसला

शिवसेना (यूबीटी) ने उन प्रमुख सीटों को भी छोड़ने का फैसला किया है जो उसने 2019 में जीती थीं। उनमें से एक है शिरूर। यहां उद्धव सेना ने लगातार तीन बार जीत हासिल की थी. हालांकि, 2019 में यह सीट NCP से हार गई। संजय राउत ने कहा, “श्रीरूर से अमोल कोल्हे को मैदान में उतारेगी और हमारी व्यवस्था के अनुसार, जीत मायने रखती है। जिसने भी पिछली बार सीट जीती थी उसे इस बार फिर से सीट से लड़ने का मौका मिलेगा।”

हातकणंगले में, जहां 2019 के चुनाव में उद्धव सेना के उम्मीदवार ने किसान नेता राजू शेट्टी को हराया था, वहां अब शिवसेना को एक मजबूत उम्मीदवार की जरूरत है। पार्टी शेट्टी का समर्थन कर सकती है, जिन्होंने हाल ही में मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। इस पर संजय राउत ने कहा, “हम शेट्टी के साथ चर्चा कर रहे हैं। हम अपना उम्मीदवार खड़ा करने के बजाय उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते हैं। हम अभी भी चर्चा कर रहे हैं. अभी तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।”

2019 में भाजपा के साथ गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी) ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा और 18 पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा। हालांकि 2022 में विद्रोह के बाद शिवसेना के 12 सांसदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ भाजपा से हाथ मिला लिया।