Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राजस्थान में पार्टी एक बार फिर क्लीन स्वीप करने की तैयारी कर रही है लेकिन एक सीट ऐसी भी है, जहां बीजेपी को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है। यह सीट कोई और नहीं बल्कि बाड़मेर-जैसलमेर सीट है। यहां से बीजेपी के कैलाश चौधरी फिर से ताल ठोक रहे हैं, जो कि केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री भी हैं। इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदराम बेनीवाल को टिकट दिया है, जबकि यहां की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीते, रविंद्र सिंह भाटी अब लोकसभा चुनाव में बाड़मेर-जैसलमेर से चुनावी मैदान में हैं।

सियासी समीकरणों को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि रविंद्र सिंह भाटी के चुनाव लड़ने से बीजेपी की राह बाड़मेर जैसलमेर सीट पर मुश्किल हो सकती है। ऐसे में द लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में कैलाश चौधरी ने रविंद्र सिंह भाटी से जुड़े मामले में खुलकर बात की है।

रविंद्र सिंह भाटी के चलते अपनी सीट फंसने के सवाल पर कैलाश चौधरी ने कहा, “मैंने पिछली बार भी चुनाव के दौरान आराम से जीत दर्ज की थी। जनता पर पूरा भरोसा है और बाड़मेर-जैसलमेर की जनता देश हित में ही फैसला करते हुए राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर वोट देती है।” उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में भी उनकी अच्छी जीत होगी और पिछली बार से भी ज्यादा मतों से उनकी जीत होगी।

‘बाहर से बुलाई जा रही भीड़’

कैलाश चौधरी ने पिछली बार के चुनाव को लेकर कहा, “मैंने पिछली बार भी कह दिया था मीडिया से कि मैं तीन लाख से जीतूंगा, क्योंकि जनता की आखों में उनके लिए जनसमर्थन दिख रहा था।” रविंद्र सिंह भाटी की जनसभाओं और रोड शो में आने वाली भीड़ को लेकर कैलाश चौधरी ने कहा, “भीड़ वोट में कन्वर्ट होना सबसे अहम है। एक भीड़ वोट देने वाली होती है और एक वो, जो बाहर से बुलाई जाती है, जिनका वोट यहां नहीं पड़ता है।” उन्होंने कहा, “यहां के आम लोग ही यह कह रहे हैं कि यह भीड़ बाहर से बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि जनता का असल आशीर्वाद पीएम मोदी के साथ है।

चुनाव में भाटी की वजह से हो रही मुश्किलें?

रविंद्र सिंह भाटी की वजह से होने वाली चुनावी परेशानी को लेकर कैलाश चौधरी ने कहा, ” नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। क्या आपको मेरे चेहरे पर कोई परेशानी दिख रही है।, जनता साथ होती है, तो कोई हड़बड़ाहट नहीं होती है। हमारे कार्यकर्ताओं जनता के पास जा रहे हैं। मैं आराम से चुनाव लड़ रहा हूं।” कैलाश चौधरी ने दावा किया कि वे फिर बड़े मार्जिन से चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा कि दिक्कत परेशानी उन्हें होती है, जो कि जमीन पर काम नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने जनता के बीच जाकर काम किया है और जनता इसे स्वीकार करती है।”

रविंद्र सिंह भाटी को बीजेपी में लाने और मनाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “किसी की महत्वाकांक्षा ज्यादा होती है, किसी की कम होती है। हमारी बातचीत हुई है। सीएम भजनलाल शर्मा ने भी बात की थी। उन्होंने सहमति भी दी थी। हम उनके निर्णय पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाते। अगर वे हमारे साथ रहते हैं तो शिव विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए ज्यादा विकास कार्य होते। अब सबकुछ मुझे ही संभालना है और जनता मेरे लिए भगवान की तरह है, मैं किसी के भी साथ भेदभाव नहीं करता हूं।”

उस गाड़ी में बैठे, जिस पर कभी सवार रहते थे रविंद्र सिंह भाटी

कैलाश चौधरी ने उम्मीदवारी को लेकर कहा कि चुनाव क्रिकेट की तरह अनिष्चितिताओं का खेल है और जनता के रुख के अनुसार उम्मीदवारी तय करती है। रविंद्र सिंह भाटी एक समय डिफेंडर गाड़ी में बैठे थे, अब उसी गाड़ी में कैलाश चौधरी भी बैठे दिखे। इसको लेकर उन्होंने कहा, “मैं एक गाड़ी में चलने वाला व्यक्ति नहीं हूं, मेरी कोई गाड़ी ही नहीं है। मेरे पिताजी सरकारी नौकरी करते थे। हम ईमानदार है।” इस दौरान उन्होंने कहा कि ये गाड़िया मेरी नहीं, बल्कि दोस्तों की है। बता दें कि उन पर इंटरव्यू के दौरान ही आरोप भी लगे कि उन्होंने रविंद्र सिंह भाटी के करीबी दोस्तों को अपने पाले में शामिल कर लिया है। इस पर उन्होंने कहा कि लोग काम देखकर आते हैं।

कैलाश चौधरी ने रविंद्र सिंह भाटी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लंदन में हुई मुलाकातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जिस वक्त राहुल गांधी गए, उसी वक्त विपक्षी नेता भी गए हैं। इसके बाद वहां क्या बात हुई ये तो वक्त ही बताएगा।” वहीं जब दोबारा इसी मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “कुछ बाते पर्दे के पीछे रहें, वह पता लगेगी, लेकिन यह जरूर तय है कि कुछ तो खिचड़ी पकी है।”