Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जहां सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, लेकिन इन सबके बीच आंध्र प्रदेश की राजनीति में कुछ अलग होता नजर आ रहा है। आंध्र प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के बीच गठबंधन की संभावना खत्म होती दिख रही है, जिसकी सबसे बड़ी वजह जगन मोहन की पार्टी है। भाजपा जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के साथ गठबंधन करने की इच्छुक नजर आ रही है। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि टीडीपी के साथ संभावित गठबंधन या किसी चुनावी समझौते पर अंतिम फैसला राजनीतिक स्थिति के गहन मूल्यांकन के बाद किया लिया जाएगा।
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के चीफ चंद्रबाबू नायडू इस वक्त दिल्ली में हैं, लेकिन उनके किसी भी भाजपा नेता से मिलने की संभावना नहीं है, जैसा कि जून महीने में हुआ था। उस वक्त नायडू ने देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। उन बैठकों ने आगामी चुनावों – आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व सहयोगियों के बीच संभावित गठबंधन के बारे में चर्चा शुरू कर दी थी।
सोमवार को नायडू ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मुलाकात कर आंध्र प्रदेश की मतदाता सूची में कथित तौर पर बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं को शामिल करने की शिकायत की।
25 में से 22 लोकसभा सीटें YSR के पास
जबकि नायडू भाजपा नेतृत्व से सकारात्मक बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि भाजपा ने राज्य में वर्तमान राजनीतिक हालात का जायजा लिया है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने आंध्र प्रदेश में राजनीतिक स्थिति का प्रारंभिक आकलन किया है। इस लिहाज से बीजेपी जगनमोहन की पार्टी वाईएसआरसीपी के साथ मधुर संबंध रखने की इच्छुक है। बीजेपी को लगता है कि 25 लोकसभा सीटों वाले राज्य आंध्र प्रदेश से उसे जगनमोहन की पार्टी से फायदा हो सकता है, क्योंकि वाईएसआरसीपी का राज्य में अच्छा दबदबा माना जा रहा है। साथ ही उसने 2019 के लोकसभा चुनावों 22 सीटों पर जीत हासिल की थी।
बीजेपी क्यों कर रही विचार?
भाजपा नेताओं ने कहा कि वाईएसआरसीपी चुनावी तौर पर अच्छी स्थिति में दिख रही है। रेड्डी की कल्याणकारी योजनाएं लोकप्रिय साबित हो रही हैं, जबकि टीडीपी पिछले साढ़े चार वर्षों में जमीन पर सरकार विरोधी वोटों को मजबूत करने में विफल रही है।
रेड्डी ने हाल ही में घोषणा की है कि उनकी सरकार ने दिसंबर 2022 और जुलाई 2023 के बीच विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों से छूट गए 2,62,169 लाभार्थियों को 216.34 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे।
भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘जगनन्ना सुरक्षा प्रोग्राम (Jagananna Suraksha Programme) इस नई योजना के साथ, जिसे उन्होंने अपने नाम पर रखा है। उन्होंने इस योजना में अपने पिता के शुरुआती अक्षर वाईएसआर को हटा दिया है, जिसका उपयोग योजनाओं को ब्रांड करने के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है। यह योजना राज्य में गरीबों की पूरी आबादी को कवर करने के लिए है। इससे उन्हें चुनावी परिदृश्य में काफी फायदा मिलने की संभावना है।’
भाजपा के सूत्रों ने कहा, ‘वाईएसआरसीपी की राज्य में अच्छी स्थिति भाजपा को टीडीपी के प्रति अपने प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर रही है, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लौटने के लिए बेताब है।
वहीं रेड्डी ने अब तक औपचारिक रूप से एनडीए में शामिल होने के लिए भाजपा के दबाव का विरोध किया है, लेकिन हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन किया है। वाईएसआरसीपी ने मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) संशोधन विधेयक पर भी सरकार के पक्ष में मतदान किया। यह विधेयक बाद में कानून बन गया।
भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘दक्षिण में भाजपा की प्राथमिकता कांग्रेस को रोकना है। पार्टी को यह सुनिश्चित करना होगा कि कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की बढ़त सीमित रहे। वाईएसआरसीपी के पास इसकी अधिक संभावनाएं हैं।’
भाजपा ने आंध्र प्रदेश में कभी भी एक भी सीट नहीं जीती है और न ही राज्य में अपना वोट शेयर बढ़ा पाई है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि राज्य इकाई रेड्डी सरकार के खिलाफ कई आंदोलन और कार्यक्रम कर चुकी है, लेकिन उसके बावजूद भी बीजेपी राज्य में महत्वपूर्ण छाप नहीं छोड़ पाई है।
डी पुरंदेश्वरी को बीजेपी ने बनाया है राज्य का चीफ
राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए बीजेपी हाईकमान ने अभी हाल ही में डी पुरंदेश्वरी राज्य का बीजेपी अध्यक्ष बनाया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, राज्य में अपने समर्थन आधार का विस्तार करने का यह एक कोशिश मात्र है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और नायडू की भाभी पुरंदेश्वरी को अपने पिता एन टी रामा राव की विरासत संभालने वाली महिला माना जाता है, जो दक्षिण के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, वह स्पष्टवादी हैं और मोदी सरकार के कल्याणकारी कदमों का संदेश दे सकती हैं। आंध्र प्रदेश के एक भाजपा नेता ने कहा, “वह राज्य में एक महत्वपूर्ण आधार बनाने के लिए पार्टी को अधिक वोट दिला सकती हैं, जहां से हम इसे और आगे ले जा सकते हैं।’