Lok Sabha Election 2024: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के पंजाब मामलों के प्रभारी विजय रूपाणी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कई मुद्दों पर खुलकर बात की। इस दौरान गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि गुजरात की तर्ज पर पंजाब को भी अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पाने के लिए वोटबैंक की राजनीति से विकास की राजनीति में बदलने की जरूरत है। जानिए इंटरव्यू के प्रमुख अंश।

भाजपा आलाकमान ने पंजाब इकाई में बदलाव करते हुए सुनील जाखड़ को नया राज्य पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है। आप इसे कैसे देखते हैं?

इस सवाल के जवाब में विजय रुपाणी ने कहा कि सबसे पहले हमारी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। नंबर दो, बीजेपी ने पंजाब में रणनीतिक तौर पर विस्तार करने और आगे बढ़ने की योजना बनाई है। लोग (सत्तारूढ़) AAP से नाराज और निराश हैं। लोग राज्य में बदलाव (आम आदमी पार्टी को वोट देकर) करने के बाद पछता रहे हैं। इस समय पंजाब की जनता के सामने भाजपा का एक बड़ा चेहरा पेश करना है।

रुपाणी ने कहा कि जाखड़ साहब करीब एक साल पहले बीजेपी में आए थे। जाखड़ ने स्वयं और उनके पिता ने पंजाब और देश की सेवा की। उनकी साफ-सुथरी छवि है और वो कद्दावर नेता हैं। इसलिए उन्हें पंजाब में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा ने उन्हें राज्य में पार्टी का विस्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वह एक परिपक्व राजनेता हैं, जिन्होंने विधायक और सांसद के रूप में कार्य किया है और पंजाब में बहुत काम किया है। उनके अनुभव से पार्टी को फायदा होगा।

जाखड़ के अलावा कई प्रमुख पूर्व कांग्रेस नेता और मंत्री अब भाजपा के साथ हैं। राज्य के राजनीतिक हलकों में लोग कहने लगे पंजाब भाजपा अब मुख्य रूप से पूर्व कांग्रेसियों के प्रभुत्व वाली पार्टी है?

इस सवाल पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा में सभी एक ही पार्टी के सदस्य हैं, चाहे वे पहले से ही पार्टी में हों या दूसरे दलों से भाजपा में आए लोग हों। बीजेपी के नेता एक विचारधारा के लिए काम करते हैं। जिस तरह से मोदी जी देश को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, पंजाब बीजेपी के कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि राज्य भी आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि वहीं जब से जाखड़ को पंजाब बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, तब से पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। हमें बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। बल्कि मैं तो यह कहूंगा कि जाखड़ को नियुक्त करके पार्टी ने दूसरे दलों से भाजपा में आए लोगों के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि अगर वे सक्षम हैं और अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें उचित अवसर मिलेंगे।

इस बात की जोरदार चर्चा है कि भाजपा और शिरोमणि अकाली दल 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपना गठबंधन फिर से बना सकते हैं। क्या यह योजना पर है? इस सवाल के जवाब में रूपाणी ने कहा कि जब मैं हाल ही में पंजाब में था तो मैंने दो बार खुलेतौर पर कहा था कि बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी। साथ ही इसको लेकर मैंने स्पष्ट भी कर दिया है।

विजय रूपाणी से जब पूछा गया कि कार्यभार संभालते वक्त जाखड़ ने कहा था कि पंजाब भाजपा को “छोटा भाई” मानसिकता से बाहर निकलना होगा। क्या ऐसे बयानों से यह संकेत नहीं मिलता कि भाजपा अकाली दल के साथ फिर से गठबंधन करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन सीट-बंटवारे में बड़ा हिस्सा चाहती है? इस सवाल के जवाब में रूपाणी ने कहा कि फिलहाल किसी भी स्तर पर अकाली दल के साथ गठबंधन की बातचीत नहीं है। जो अनुमान लगाया जा रहा है वह सही नहीं है।

क्या बीजेपी भविष्य में अकाली दल के साथ दोबारा गठबंधन करने के बारे में सोच सकती है? इस सवाल के जवाब में रूपाणी ने कहा कि राजनीति में समय बलवान होता है, लेकिन आज की तारीख में पार्टी का स्टैंड बहुत क्लियर है।

आपने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। अब पंजाब भाजपा प्रभारी हैं। आप दोनों राज्यों की तुलना कैसे करते हैं?

विजय रूपाणी ने कहा कि साल 2001 में जब से नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब से विकास की राजनीति हो रही है। गुजरात में जबरदस्त विकास हुआ है, जहां वोट बैंक की राजनीति की जगह विकास की राजनीति ने ले ली है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की शासन व्यवस्था गुजरात में स्थापित हुई है, वह पंजाब में देखने को नहीं मिलती। रूपाणी ने कहा कि वोटबैंक की राजनीति के कारण पंजाब आज पिछड़ रहा है। पंजाब का जो दबदबा एक समय था, वह गायब हो गया है। मोदी है तो मुमकिन होगा, बीजेपी होगी तो ही पंजाब में ये सब बदलाव होगा, वरना नामुमकिन है।