Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव 2024 लेकर आम आदमी पार्टी ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया। पार्टी महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। साथ ही वह लोगों को यह बताने के लिए एक अभियान चलाएगी कि राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण केंद्र का अध्यादेश उनके खिलाफ था।

दिल्ली और हरियाणा के आप नेताओं के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए संदीप पाठक ने कहा कि सभी विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। साथ ही कहा कि यह कांग्रेस के रवैये पर भी निर्भर करता है।

केंद्र सरकार ने 19 मई को जारी किया था अध्यादेश

केंद्र सरकार ने 19 मई को राजधानी दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस से जुड़े अधिकारों को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था। इसके जरिए केंद्र सरकार नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव होंगे। ये अथॉरिटी ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस जैसे मैटर्स में फैसले लेगी और LG को सिफारिशें भेजेंगी।

जहां आम आदमी पार्टी इस मुद्दे ( केंद्र के अध्यादेश) पर कई गैर-बीजेपी दलों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रही है। वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला है।

संदीप पाठक ने कहा कि AAP 2024 के आम चुनाव में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी का अभियान लोगों को यह बताने पर केंद्रित होगा कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण पर केंद्र का “काला अध्यादेश” उनके खिलाफ है।

‘लोगों को बताएंगे केंद्र का अध्यादेश जनविरोधी है’

पाठक ने कहा, ‘हम लोगों को बताएंगे कि काला अध्यादेश केजरीवाल विरोधी नहीं, बल्कि जनविरोधी है। भाजपा विपक्षी दलों को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नौ साल की एक भी उपलब्धि कोई नहीं बता पाएगा। मोदी जी ने CBI-ED जैसी संस्थाएं बर्बाद कर दी हैं। अगर बीजेपी को हराना है तो सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना होगा। कांग्रेस को अहंकार छोड़ना होगा। पाठक ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस खुले दिल वाली है और सभी को साथ लेकर चलने को तैयार है, तो कुछ भी संभव है, लेकिन अगर वह अहंकारी है, तो चीजें मुश्किल होंगी।”

25 जून को विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुए थे केजरीवाल

23 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पटना में विपक्षी नेताओं की एक बैठक में शामिल हुए थे। हालांकि, इसके तुरंत बाद AAP ने दावा किया कि कांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से अध्यादेश की निंदा करने से इनकार कर दिया। इस वजह से आम आदमी पार्टी के लिए कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनना बहुत मुश्किल है।

विपक्षी दलों की शिमला में अगली बैठक

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि केंद्र के अध्यादेश का विरोध करना है या नहीं। इस पर फैसला संसद सत्र से पहले लिया जाएगा। वहीं पाठक ने कहा कि आम आदमी पार्टी जुलाई में शिमला में होने वाली विपक्षी दलों की अगली बैठक में भाग लेने पर फैसला करेगी।