मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के द्वारा भेजे गए लेटर के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्म है। विपक्षी दल जहां गृहमंत्री देशमुख से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है। उधर शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार को चेताया है कि राष्ट्रपति शासन के बारे में महाराष्ट्र में वो सोचे भी नहीं। साथ ही उन्होंने इस्तीफे की बात पर कहा कि इस तरह इस्तीफे लेते रहेंगे तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा
संजय राउत ने कहा कि अगर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तय किया है कि अनिल देशमुख के ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं उसमें तथ्य नहीं है तो उस पर जाच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सब का इस्तीफा हम लेते रहेंगे तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा। राउत ने कहा कि बार-बार इस्तीफे की बात क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि सामना में जो हमने कहा है वो शत-प्रतिशत सही है। मुंबई पुलिस कमिश्नर के कंधे पर बंदूक रखकर काम किया जा रहा है। महा विकास अघाड़ी का बाल भी बाका नहीं होगा।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि हमें लगता है कि परमबीर सिंह की चिट्ठी एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। परमबीर सिंह की दिल्ली में किस-किस से मुलाकात हुई थी उसकी हमें जानकारी है। जांच के माध्यम से सच्चाई सामने आएगी।
उन्होनें कहा कि उच्च अधिकारियों के माध्यम से चिट्ठी की जांच होगी। एक चिट्ठी के आधार पर गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग हो रही है। इस्तीफा देने का सवाल नहीं होता है। पार्टी ने निर्णय लिया है कि जांच होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने एक पत्र लिखकर बताया था कि राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गिरफ्तार हुए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये बार, रेस्टोरेंट और होटल से वसूली करने का लक्ष्य दिया था।