दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में सूखा प्रभावित लातूर के लोगों को ट्रेन के जरिए पानी भेजने पर पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की ओर से ‘वाटर ट्रेन’ के जरिए जल संकट को दूर कर पानी पहुंचाने का तरीका काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने लातूर के लोगों की मदद के लिए खुद भी आगे आने की पेशकश की और कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहे तो दिल्ली सरकार भी पानी दे सकती है।
केजरीवाल ने पीएम मोदी के नाम एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने लिखा कि लातूर इस समय भीषण पानी की कमी से जूझ रहा है। केंद्र सरकार ने उनकी मदद के लिए ट्रेन से पानी पहुंचाने का निर्णय लिया है। आपका यह कदम सराहनीय है।
Delhi offers 10 lakh litres of water everyday for 2 months for brothers/sisters in Latur pic.twitter.com/SALb6Tf2kp
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 12, 2016
उन्होंने आगे लिखा है कि पूरे देश के लिए यह शर्म की बात होगी अगर 21वीं सदी के भारत में किसी की पानी से मौत हो जाए। लातूर की इस संकट की घड़ी में पूरे देश का फर्ज बनता है कि हम लातूर के लोगों की मदद करें।
केजरीवाल ने मराठावाड़ा के लोगों की मदद करने की पेशकश करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग अगले दो महीने के लिए 10 लाख लीटर पानी हर दिन लातूर को देने के लिए तैयार हैं। लिहाजा अगर केंद्र सरकार इस पानी को लातूर भिजवाने का इंतजाम कर दे तो दिल्ली सरकार इतना पानी तुरंत मुहैया करा देगी। उन्होंने पीएम को सुझाव दिया है कि वह चाहें तो देश के सभी राज्यों के सीएम से मदद की अपील कर सकते हैं। उनको उम्मीद है कि सभी राज्य इस नेक काम में जरूर मदद करेंगे।
Basic Info : Delhi Jal Board supplies 340 cr litres of water per day to Delhi. Sending 10 lakh litres to Latur will make any difference ?
— आशुतोष (@ashu3page) April 12, 2016
Central govt has decided to send water to Latur by train. This is an admirable step: Delhi CM @ArvindKejriwal
— AAP In News (@AAPInNews) April 12, 2016
केजरीवाल ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लातूर के जलसंकट पर पोस्ट किया। और सभी से लातूर के लिए पानी बचाने की अपील की।
गौरतलब है कि पांच लाख लीटर पानी लेकर वाटर ट्रेन मंगलवार तड़के महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में सूखा प्रभावित लातूर पहुंची। देश में मराठवाड़ा क्षेत्र अब तक के सबसे भयंकर सूखे की मार झेल रहा है। हालांकि बुंदलेखंड भी सूखा प्रभावित क्षेत्र है। लेकिन वहां पानी पहुंचाने के लिए अभी सरकार की ओर से कोई ऐसी पहल नहीं हुई है।