चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सैनिक को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में सोमवार को उस समय पकड़ लिया गया जब वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘भटक कर’’ भारतीय क्षेत्र में आ गया था। यह घटना ऐसे समय हुयी है जब सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों ने क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती कर रखी है।

भारतीय सेना ने बताया कि चीनी सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में की गयी है। सेना ने कहा कि चीनी सैनिक को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सौंप जाएगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सैनिक को वापस भेजने में कुछ दिन लग सकते हैं।

भारतीय सेना ने एक बयान में बताया, “पीएलए सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में हुयी है और एलएसी पर भटक जाने के बाद उसे 19 अक्टूबर को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में पकड़ा गया।’’ चीनी सेना में कॉर्पोरल का पद भारतीय सेना में नायक के पद के समान होता है।

इसमें कहा गया है, “पीएलए के सैनिक को अत्यधिक ऊंचाई और प्रतिकूल जलवायु संबंधी परिस्थितियों से बचाने के लिए ऑक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़े के साथ ही चिकित्सा सहायता मुहैया करायी गयी है।’’ दोनों देशों के बीच मई में शुरू हुए गतिरोध के बाद भारत और चीन ने डेमचोक सेक्टर सहित पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 50,000 से अधिक सैनिक तैनात किए हैं।

बयान के अनुसार लापता सैनिक के ठिकाने के बारे में पीएलए से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है। सेना ने कहा, “स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे चुशूल-मोल्डो बैठक स्थल पर चीनी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।” सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक से पूछताछ की गयी कि वह भारतीय क्षेत्र में कैसे आ गया।

बीजिंग में सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने सूत्रों के हवाले से कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देश बातचीत कर रहे हैं और समाधान की ओर बढ़ रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस घटना से सीमावर्ती क्षेत्रों में नए टकराव पैदा नहीं होंगे और मामला सुलझने से द्विपक्षीय वार्ता में नयी प्रगति का संकेत मिलेगा।
यह घटना ऐसे समय हुई है जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी के लिए इसी सप्ताह कोर कमांडर-स्तरीय सैन्य वार्ता के एक और दौर की तैयारी कर रहे हैं।

सीमा पर टकराव को लेकर दोनों पक्षों के बीच अब तक उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के सात दौर हो चुके हैं। सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी।